चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा नेतृत्व के गाल पर तमाचाः सूर्यकांत धस्माना
चंडीगढ़ मेयर के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ मुद्दा मिल गया है। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा नेतृत्व के गाल पर तमाचा है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में सारेआम मतपत्रों को खराब कर जीते हुए उम्मीदवार को हराने का काम किया गया। वहीं, भाजपा के बुरी तरह पराजित उम्मीदवार को जिताने के लिए धांधली की गई। इस षड्यंत्र के बाद धांधली के पक्ष में बेशर्मी से खड़ी भारतीय जनता पार्टी की पोल पट्टी देश के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने पूरे देश और दुनिया के सामने खोल दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट के इस विषय पर आए निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से भाजपा के निर्लज्ज नेतृत्व के गाल पर तमांचा लगा है और लोगों का विश्वास न्यायपालिका पर एक बार फिर पक्का हुआ है। उन्होंने कहा कि जब सामने दिखने वाले मत पत्रों के साथ इस प्रकार कैमरों की निगरानी के बावजूद छेड़ छाड़ कर उनको अवैध करार देने का दुस्साहस भाजपा नेता कर सकते हैं, तब ईवीएम के साथ क्या किया जाता होगा, यह कल्पना से परे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग कर पिछले दस वर्षों में चुनाव प्रणाली को पंगु बना दिया है और बेशर्मी से चुनाव आयुक्तों के चयन की पारदर्शी प्रक्रिया जो सुप्रीम कोर्ट ने तय की थी, उसको भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोहताज़ बना दिया है। उन्होंने कहा कि अब इंडिया गठबंधन को डट कर लोकतंत्र बचाने की मुहीम देशभर में चलानी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि चंडीगढ़ मेयर के चुनाव के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को आप पार्षदों के लिए डाले गए बैलेट पेपर्स पर निशान लगाते हुए दिख रहे थे। साथ ही इन वोटों को रद्द करते हुए बीजेपी के प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया था। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने 16 वोट लेकर जीत हासिल की थी। उन्होंने आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शिकस्त दी थी। आप प्रत्याशी को 12 वोट मिले थे। वहीं, जो आठ वोट चुनाव अधिकारी ने निरस्त किए थे, वे आप प्रत्याशी कुलदीप कुमार के पक्ष में थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वोटों की इस चोरी के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया। साथ ही चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बीजेपी को सुप्रीम झटका लगा है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी की ओर से रद्द किए गए आठ वोटों को सही माना। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अब तो साफ है कि आप प्रत्याशी को बीस वोट मिले थे और बीजेपी प्रत्याशी को 16 वोट, लेकिन जब रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन सहयोगियों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर को दोषी करार दिया।
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