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February 4, 2025

राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 जुलाई को करेगा सुनवाई, जानिए क्या है मामला

मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 जुलाई को सुनवाई करेगा। सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने रखी उनकी याचिका रखी। सीजेआई ने मामला शुक्रवार को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया। राहुल गांधी ने याचिका में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मोदी सरनेम मानहानि के मामले में राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से मना कर दिया गया था। इसके चलते राहुल की लोकसभा की सदस्यता चली गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से राहुल गांधी की सुनवाई के लिए 21 जुलाई या 24 जुलाई की तारीख तय करने का अनुरोध किया था। इसके बाद सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई। कोर्ट ने कहा कि वह 21 जुलाई को मामले पर सुनवाई करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

याचिका में क्या बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि अगर इस आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है मोदी सरनेम वाले बयान का मामला
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 में दर्ज ‘मोदी सरनेम’ वाले आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात के सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को दोषी करार दिया था। उनके खिलाफ गुजरात में बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से केस दर्ज कराया गया था। कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई और हाथों हाथ बेल भी दे दी गई थी। साथ ही उन्हें कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 30 दिन की अपील का समय दिया गया। राहुल गांधी ने कोर्ट में साफ कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा। इसके बाद राहुल गांधी को सत्र न्यायालय से भी राहत नहीं मिली थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यह मामला राहुल गांधी की ओर से दिए गए ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी से जुड़ा है। राहुल के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था-क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है? इसके बाद उन्हें ऊपरी अदालत से भी राहत नहीं मिली थी। वहीं, गुजरात हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। उधर, लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द कर दिया था। साथ ही उन्हें 22 अप्रैल तक सरकारी आवास खाली कराने का नोटिस दिया गया था। इसके साथ ही राहुल गांधी ने सरकारी आवास खाली कर दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संसद की सदस्यता से किया गया ओयोग्य
कोर्ट से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वह 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल की वायनाड सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत, किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा पाने वाला व्यक्ति सजा की अवधि और उसके बाद छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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