आर्य समाज से जारी विवाह प्रमाण पत्र को कानूनी मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज की ओर से जारी विवाह प्रमाणपत्र को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया हैय़ जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि आर्य समाज का काम विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।

युवक ने मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र भी कोर्ट में पेश किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने को हामी भर दी थी। तब जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने आर्य प्रतिनिधि सभा से स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की धाराओं 5, 6, 7 और 8 प्रावधानों को अपनी गाइड लाइन में एक महीने के भीतर शामिल करने को कहा था।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।