Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 22, 2024

कर्नाटक हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तारीख देने से किया मना, कहा- बड़े स्तर पर न फैलाएं

1 min read
कर्नाटक हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में छात्र ने चुनौती दी है।

कर्नाटक हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर सुनवाई की तारीख देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इसे बड़े स्तर पर न फैलाएं। हम जानते हैं कि क्या हो रहा है। अगर कुछ भी गलत है तो हम उसकी रक्षा करेंगे। सही वक्त का इंतजार कीजिए। बता दें कि हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की गई थी।
यह मांग CJI एन वी रमना की बेंच के सामने मांग की गई थी। कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई थी। वहीं इस मामले को लेकर CJI ने पूछा कि हाईकोर्ट का क्या आदेश है ? हम इस मामले में अभी नहीं पड़ रहे हैं। जब हाईकोर्ट का कोई आदेश नहीं है, तो इंतजार करना चाहिए।
वहीं, कर्नाटक हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में छात्र ने चुनौती दी है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि हम ये आदेश जारी करेंगे कि याचिका के लंबित रहने तक कोई भी धार्मिक ड्रेस ना पहने। स्कूल कॉलेजों को खोला जाना चाहिए। हाईकोर्ट मामले की सुनवाई सोमवार को जारी रखेगा। याचिका में सुनवाई की मीडिया रिपोर्टस का हवाला दिया गया है।
हाईकोर्ट के जिस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है। उस फैसले में कहा गया है कि जब तक यह विवाद सुलझ नहीं जाता तब तक छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब और ऐसी कोई धार्मिक पोशाक पहनने की इजाजत नहीं होगी, जिसके कारण यह विवाद तूल पकड़ ले। मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति जे एम काजी और न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह चाहती है कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए। लेकिन तब तक शांति और सद्भावना बनाए रखें जब तक कोई फैसला नहीं आ जाता. हाईकोर्ट ने कहा कि इस विवाद के निपटारे तक छात्रों-छात्राओं को धार्मिक कपड़ों या चीजों को पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए।
फैसला आने तक हिजाब और भगवा शॉल पर लगी रोक
उन्होंने यह भी कहा कि हम आदेश पारित करेंगे। स्कूल-कॉलेज शुरू होने दें, लेकिन जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक किसी को भी धार्मिक पोशाक पहनने की इजाजत नहीं होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि धार्मिक कपड़े जैसे- हिजाब या फिर भगवा शॉल फैसले के निपटारे तक स्कूल-कॉलेज परिसरों में नहीं पहने जाएंगे। हम सभी को रोकेंगे। क्योंकि हम राज्य में अमन चैन चाहते हैं। हाईकोर्ट मुस्लिम छात्राओं की ओर से कॉलेजों में हिजाब बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा का उल्लंघन
याचिकाकर्ता के मुताबिक, कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने आदेश के माध्यम से मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की इजाजत नहीं देकर उनके मौलिक अधिकार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। याचिका में कहा गया कि कर्नाटक सरकार ने कॉलेजों में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। यह आदेश गैर-मुस्लिम छात्राओं और मुस्लिम छात्राओं के बीच एक बड़ी असमानता पैदा करता है. यह धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा का सीधा उल्लंघन है, जो भारतीय संविधान की मूल संरचना है।
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील
वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से हिजाब विवाद का मामला अपने पास ट्रांसफर कराने की अपील की थी। सिब्बल ने मामले की सुनवाई 9 जजों की पीठ द्वारा कराने की गुजारिश भी सुप्रीम कोर्ट से की है। उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि स्कूल और कॉलेज बंद हैं। लड़कियों पर पथराव हो रहा है। यह विवाद पूरे देश में फैल रहा है। उन्होंने कहा कि वह मामले पर कोई आदेश नहीं चाहते, केवल यह चाहते हैं कि सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध किया जाए।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *