अडानी समूह का मामला सुनने को सुप्रीम कोर्ट तैयार, दर्ज की गई याचिका, कल होगी सुनवाई
अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने गुरुवार को सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की। इस बेंच में जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विशाल तिवारी ने बेंच से कहा कि इस मुद्दे पर दायर एक अलग याचिका को 10 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना है। उन्होंने कहा कि इसी तरह की याचिका कल आ रही है। यह याचिका हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से संबंधित है जिसने देश की छवि को धूमिल किया है और नुकसान पहुंचाया है। विशाल तिवारी ने पीठ से आग्रह किया कि अलग याचिका के साथ उनकी याचिका पर भी शुक्रवार को सुनवाई की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार
याचिकाकर्ता की मांग पर सीजेआई ने कहा कि ठीक है, इसे टैग करें। जनहित याचिका (PIL) में तिवारी ने बड़े कॉरपोरेट्स को दिए गए 500 करोड़ रुपये से अधिक के लोन की मंजूरी के लिए एक विशेष समिति गठित करने के निर्देश भी मांग की है। बता दें कि एडवोकेट एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें यूएस-ब्रॉड फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के शॉर्ट सेलर नाथन एंडरसन और भारत-अमेरिका में उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जेपीसी की मांग कर रहा विपक्ष
अडानी मामले में संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा जारी है। कांग्रेस ने इस मामले में सरकार से जेपीसी की मांग की है। मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गौतम अडाणी के बहाने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्यसभा में इस मामले को उठाते हुए जेपीसी की मांग की। हालांकि सरकार जेपीसी से साफ इनकार कर चुकी है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।