दिल्ली के जहांगीरपुरी में गरजते बुलडोजरों पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया ब्रेक, यथास्थिति बरकरार रखने के दिए आदेश
हनुमान जयंती पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जहांगीरपुरी में अवैध कब्जों पर एमसीडी के चल रहे बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले स्टेट्स को बनाए रखने का आदेश दिया है।

हालांकि, बाद में दिल्ली नगर निगम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई बन्द कर दी। मलबे को हटाने का काम जारी है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिल गया है। कार्रवाई रोक दी गई है। अभी यहां के हालात शांतिपूर्ण हैं। पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है। जांच अभी चल रही है।
कल यानि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा। बता दें कि बुलडोजर पर ब्रेक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की गई है। सीजेआई एन वी रमना से मामले पर सुनवाई का आग्रह किया गया है। दुष्यंत दवे ने सीजेआइ को जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की है। जहांगीरपुरी इलाके में दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी के द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर आज यानी बुधवार को सुबह से ही बुलडोजर चलाया जाने लगा। इसके लिए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। किसी तरह की अनहोनी को रोकने के लिए ड्रोन से भी मदद ली जा रही है और सुरक्षाबलो को छतों पर भी तैनात कर दिया गया है। नॉर्थ एमसीडी की यह कार्रवाई आज सुबह से शुरू हुई।
बताते चलें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से अभियान चलाने को लेकर दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा गया था। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी मेयर को पत्र लिखकर जहांगीरपुरी में ‘दंगाइयों’ के अवैध निर्माणों की पहचान कर उन्हें गिराने की मांग की थी। पत्र की प्रति नगर निकाय के आयुक्त को भी भेजी गई है।
एनडीएमसी ने इस अभियान के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंगलवार को दिल्ली पुलिस से कम से कम 400 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। गौरतलब है कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं। हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों के अलावा एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था। इसके बाद अवैध अतिक्रमण के नाम पर चलाए जा रहे अभियान की टाइमिंग को लोग लगत बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक ही पक्ष के लोगों के खिलाफ ये बदले की कार्रवाई की जा रही है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।