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November 8, 2024

पुलिस हिरासत में अतीक अहमद की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगी यूपी सरकार के स्टेटस रिपोर्ट, पूछे तीखे सवाल

पुलिस हिरासत में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को तीन हफ्ते में यह रिपोर्ट देनी है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में मामले की जांच रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में करवाने की मांग की गई थी, लेकिन फिलहाल कोर्ट ने इस पर कोई आदेश नहीं दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जस्टिस एस रविंद्र भट और दीपंकर दत्ता की बेंच ने यूपी सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया कि उसने जांच के लिए सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया है। साथ ही पुलिस ने भी एसआईटी बनाई है। राज्य सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि सरकार खुद सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी। जजों ने इस पर सहमति जताई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या हो गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए जजों ने इस बात पर तीखे सवाल किए कि अतीक और अशरफ को पैदल हॉस्पिटल क्यों लाया गया? उन्हें एंबुलेंस से क्यों नहीं लाया गया? हत्यारों को इस बात की जानकारी कैसे मिली कि दोनों को हॉस्पिटल लाया जा रहा है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसका जवाब देते हुए यूपी सरकार के वकील ने कहा कि हर 2 दिन में स्वास्थ्य जांच करवाने का नियम पहले से चला आ रहा है। दूरी बहुत कम होने के चलते दोनों को पैदल ही लाया गया। हत्यारे वहां पत्रकारों की आड़ में छुपे हुए थे। मुकुल रोहतगी का जवाब सुनने के बाद जजों ने कहा कि यूपी सरकार हत्या की परिस्थितियों और उसकी जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। तीन हफ्ते बाद मामले पर आगे विचार किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वकील विशाल तिवारी की तरफ से दाखिल याचिका में 2017 से लेकर अब तक यूपी में हुए सभी 183 एनकाउंटर की जांच भी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता वाली कमिटी से करवाने की मांग की गई है। इस पर जजों ने कहा कि असद एनकाउंटर समेत सभी मुठभेड़ को याचिकाकर्ता संदिग्ध बता रहे हैं। हम यह जानना चाहते हैं कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद गठित जस्टिस बी एस चौहान आयोग ने जो सिफारिशें दी थीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने उन पर अमल करने को लेकर क्या कदम उठाए हैं? अगली सुनवाई में हमें इसकी भी जानकारी दी जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है प्रकरण
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार 15 अप्रैल की रात माफिया और पूर्व सांसद रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में ही तीन युवकों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी। इस हत्याकांड से यूपी में योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। ये हत्या उस समय हुई, जब दोनों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल के गेट के बाहर ही एंबुलेंस से उतारकर अस्पताल ले जाया जा रहा था। बता दें कि अतीक-अशरफ मर्डर से पहले एसटीएफ ने अतीक के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी शूटर असद को भी एनकाउंटर में मार गिराया था। असद के साथ एसटीएफ ने गुलाम को भी ढेर कर दिया था। असद और गुलाम पर 5-5 लाख का इनाम घोषित था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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