कोरोना के कारण आत्महत्या को भी माना जाएगा कोविड से मौत, पीड़ित परिवार मुआवजे का हकदार, मुआवजा मिलेगा 50 हजार
अब कोविड-19 के कारण खुदकुशी करने का मामले को भी केंद्र सरकार कोविड से हुई मौत मानेगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि आपने विशेष रूप से कहा है कि कोरोना पीड़ित व्यक्ति ने यदि आत्महत्या की है, तो वह ऐसे प्रमाणपत्र का हकदार नहीं होगा। इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। मेहता ने कहा था कि अदालत द्वारा उठाई गई चिंताओं पर विचार किया जाएगा। वकील गौरव कुमार बंसल और रीपक कंसल की याचिकाओं पर 30 जून को पारित एक आदेश के बाद पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक दिशानिर्देश जारी किए थे।
दरअसल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के संयुक्त दिशा-निर्देश में कहा गया है कि आत्महत्या, हत्या या दुर्घटना के कारण जीवन की हानि को कोरोना से मौत नहीं माना जाएगा, भले ही वह कोविड संक्रमित रहे हों।
पचास हजार रुपये मिलेगा मुआवजा
कोरोना से मृत्यु होने पर पीड़ित के परिवार को 50 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा। एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी थी। केंद्र सरकार ने कहा कि ये अनुग्रह राशि कोविड-19 महामारी के भविष्य के चरणों में भी या अगली अधिसूचना तक जारी रहेगी। उन मृतकों के परिवारों को भी मुआवजा दिया जाएगा जो कोविड राहत कार्यों में शामिल थे। या तैयारी गतिविधियों से जुड़े थे। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार मृत्यु के कारण को कोविड -19 के रूप में प्रमाणित करने की आवश्यकता होगी। राज्यों की ओर से राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से मुआवजा प्रदान किया जाएगा। शपथ पत्र के अनुसार, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ( DDMA) व जिला प्रशासन मुआवजे का वितरण करेगा।
मुआवजे की प्रक्रिया के बारे में केंद्र ने बताया कि संबंधित परिवार मृत्यु प्रमाण पत्र सहित निर्दिष्ट दस्तावेजों के साथ राज्य प्राधिकरण की ओर से जारी एक फॉर्म के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत करेंगे। प्रमाण पत्र में मृत्यु के कारण को कोविड -19 को प्रमाणित किया गया हो। DDMA यह सुनिश्चित करेगा कि दावे, सत्यापन, मंजूरी और अनुग्रह राशि के अंतिम भुगतान की प्रक्रिया सरल और लोगों के अनुकूल प्रक्रिया के माध्यम से हो। सभी दावों को आवश्यक दस्तावेज जमा करने के 30 दिनों के भीतर निपटाया जाएगा। इस राशि को आधार से जुड़े प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर प्रक्रियाओं के माध्यम से वितरित किया जाएगा। शिकायत निवारण के लिए जिला स्तर पर एक समिति होगी।
किसी भी शिकायत के मामले में, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, स्वास्थ्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMOH), अतिरिक्त CMOH, प्रधानाचार्य या मेडिकल कॉलेज के एचओडी मेडिसिन (यदि कोई जिला मौजूद है) और एक विषय विशेषज्ञ की समिति होगी। इन दिशानिर्देशों के अनुसार तथ्यों का सत्यापन करने के बाद COVID-19 मौत के लिए संशोधित आधिकारिक दस्तावेज जारी करने सहित आवश्यक उपचारात्मक उपायों का प्रस्ताव करेगा। यदि समिति का निर्णय दावेदार के पक्ष में नहीं है, तो इसका स्पष्ट कारण दर्ज किया जाएगा।