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February 8, 2025

राज्यकर्मियों और शिक्षकों ने वेतन विसंगति समिति को लेकर जताया आक्रोश, इन मुद्दों को लेकर निर्वाचन आयोग से मिलेंगे

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की बैठक में विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई। साथ ही वेतन विसंगति समिति को लेकर रोष जताया गया। बैठक में तय किया गया कि राज्यकर्मियों की समस्याओं को लेकर निर्वाचन आयोग से भेंट की जाएगी।

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की बैठक में विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई। साथ ही वेतन विसंगति समिति को लेकर रोष जताया गया। बैठक में तय किया गया कि राज्यकर्मियों की समस्याओं को लेकर निर्वाचन आयोग से भेंट की जाएगी। साथ ही चुनाव ड्यूटी को लेकर सुझाव भी दिए जाएंगे।
देहरादून में सद्भावना भवन यमुना कालोनी में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री की ओर से समन्वय समिति के साथ बैठक में दिये गये आश्वासन के अनुसार 10, 16, एंव 26 वर्ष की सेवा पर एसीपी के अन्तर्गत पदोन्नत वेतनमान अनुमन्य किये जाने एंव वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट शासन व सरकार को प्रस्तुत न किये जाने को लेकर चर्चा की गई। साथ ही इस मुद्दे पर रोष व्यक्त किया गया। कहा गया कि समन्वय समिति की ओर से इस सम्बन्ध में पूर्व में व्यक्त की जा रही आशंका सही साबित हुई। बैठक में वक्ताओं द्वारा कहा गया कि वेतन समिति के गठन के समय ही इस प्रकार की आंशका समन्वय समिति ने व्यक्त कर दी थी। वेतन विसंगति समिति का गठन मात्र मुद्दों को टालने के लिए किया गया, जो कि सही साबित हुआ।
ये प्रस्ताव किए गए पारित
बैठक में मांग की गई कि निर्वाचन आयोग से मिलकर लिखित रूप में समन्वय समिति की ओर से वर्तमान में निर्वाचन की आड़ में किये जा रहे, किये गये स्थानांन्तरण एक्ट व नियमावली के आलोक में जांच की जए। एवं स्थानांन्तरण एक्ट व नियमावली के विरूद्ध किये गये स्थानांन्तरणों को निरस्त किया जाय।
-निर्वाचन आयोग से यह भी मांग की जाएगी कि आगामी विधानसभा निर्वाचन में तैनात किये जाने वाले कामिकों को कोविड-19 से सुरक्षा के लिए समस्त आवश्यक उपकरण यथा पीपीई किट, फैशसील्ड, दस्तानें, मास्क एंव सैनिटाइजर उपलब्ध कराये जाय साथ ही कोविड के अन्तर्गत दस लाख रुपये का बीमा कवर भी दिया जाय।
-निर्वाचन में तैनाती करते समय को-मारविड श्रेणी के एंव 55वर्ष से अधिक आयु के कार्मिकों को तैनाती से वंचित रखा जाय।
4-प्रस्ताव पारित किया गया कि वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष से मिलकर शीघ्रातिशीघ्र वेतन विसंगति की रिपोर्ट शासन व सरकार को प्रस्तुत करने के लिए मांग की जाय।
-समन्वय समिति एंव उसके परिसंघों के साथ विभिन्न बैठकों में बनी सहमति के बिन्दुओं पर शीघ्रातिशीघ्र निर्वाचन आयोग की अनुमति लेकर शासनादेश जारी किया जाय।
-राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया से मिलकर गोल्डन कार्ड के सम्बन्ध में जारी किये गये शासनादेश के अन्तर्गत की गयी व्यवस्था के अनुरूप शीघ्रातिशीघ्र विभिन्न चिकित्सालयों, पैथोलाजी लैब एंव मेडिकल स्टोर को भी पंजीकृत कर नवीन सूची जारी की जाए।
बैठक में शामिल पदाधिकारी
समन्वय समिति की बैठक अरूण पाण्डेय, सुनील कोठारी, शक्ति प्रसाद भट्ट, पूर्णानन्द नौटियाल, एचसी नौटियाल, पंचम बिष्ट, बीएस रावत, टीएस विष्ट, विक्रम सिंह नेगी, दिनेश गुसांई, संदीप मौर्या, निशंक सरोही, चौधरी ओमबीर सिहं आदि कर्मचारी नेता शामिल थे।
ये हैं लंबित मांगे
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों/शिक्षकों/निगम/निकाय/पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।
2-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
3-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुये स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
4-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
5-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
6-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
7-विभिन्न विभागीय संवर्गो के वेतन विसंगति/स्टापिंग पैर्टड के प्रकरण जो शासन स्तर पर लम्बित हैं, उनका शीघ्र निस्तारण किया जाए।
8-जिन विभागों के ढांचे का पुर्नगठन/एकीकरण शासन स्तर पर किया जाना प्रस्तावित हैं उन विभागों के पूर्व स्वीकृत पदों में कटौती न की जाये, ताकि कार्मिको के पदोंन्नति के अवसर बाधित न हों
9-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।
10-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवा निवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए।
11-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।
12-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
13-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्वतदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/ए0सी0पी0/पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
14-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझोते/निर्णयो के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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