राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने उठाई पीआरडी जवानों और फील्ड कर्मियों की समस्या, मांगी दस हजार की एकमुश्त सहायता राशि
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पीआरडी जवानों के साथ ही विभिन्न विभागों में तैनात फील्ड कर्मियों की समस्या को उठाया। साथ ही कोरोनाकाल में उनके योगदान का जिक्र किया और उन्हें 10 हजार रुपये एकमुश्त प्रोत्साहन राशि देने की मांग की।
पत्र में कहा गया है कि प्रान्तीय रक्षक दल एवं युवा कल्याण कर्मचारियों के साथ ही विकासखंडों व जनपदों में विभिन्न विभागों में तैनात फील्ड कर्मचारियों को हर बार उपेक्षा का सामना करना पड़ता है। इनमें सभी सहायक विकास अधिकारियों, सहायक खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), सहायक विकास अधिकारी (सांख्यकी), सहायक विकास अधिकारी (कृषि), सहायक विकास अधिकारी (उद्यान), सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता), बाल विकास सुपरवाइजर, एएनएम, क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी, महिला कल्याण, गन्ना पर्यवेक्षक, निरीक्षक खाद्य एंव आपूर्ति, पशुपालन, आबकारी विभाग,आरटीओ विभाग, वन विभाग आदि के कर्मचारी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान अपनी डयूटी करते हुए इनके योगदान को कम नहीं आंका जा सकता है। कोविड के नियंन्त्रण एवं पीडितों की देखभाल में इन कर्मियों ने पूर्ण सहयोग किया। इस सम्बन्ध में प्रान्तीय रक्षक दल एवं युवा कल्याण कर्मचारी संघ उत्तराखंड तथा अन्य विभिन्न विभागीय संगठनों ने परिषद को अवगत कराया गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणा के अन्तर्गत ब्लाक स्तर पर कोविड-19 में तैनात रहे इन विभागों के समस्त कार्मिकों को आच्छादित नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन कार्मिकों को भी मुख्यमंत्री की घोषणा के अन्तर्गत आच्छादित किया जाना चाहिए। इसके तहत सभी सहायक विकास अधिकारियों एवं समस्त क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल अधिकारियों को भी इस प्रोत्साहन राशि से आच्छादित करवाने किया जाना चाहिए। इन सभी कार्मिकों को भी कोविड-19 की अवधि में उनके द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों एवं सेवाओं के लिए 10000 रुपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि दी जाए।
अरुण पांडे ने जानकारी दी कि अपर मुख्य सचिव से कनिष्ठ अभियंता (संविदा) उत्तराखंड समिति (लोक निर्माण विभाग) की एक सूत्रीय मांग “नियमितिकरण” को लेकर भी कार्रवाई की मांग की गई। ये कर्मी 16 नवम्बर 2021 से एकता विहार देहरादून में क्रमिक रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक, लोक निर्माण विभाग में सविदा पर कार्यरत समस्त कनिष्ठ अभियतां न्युनतम 07 वर्ष एंव अधिकतम 13 वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुके हैं, एवं उनके द्वारा उनकी सेवा को नियमित करने की मांग की जा रही है। इसे लेकर वे जनप्रतिनिधियों, विधायकों, मंत्रीयों, मुख्यमंत्री के साथ ही उत्तराखंड शासन से भी अनुरोध कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की सकारात्मक कार्यवाही नहीं होने से वे निराश हैं। उन्होंने अपर मुख्य सचिव से आग्रह किया कि समिति के पदाधिकारियों से उनकी समस्याओं का वार्ता कर सामाधान के लिए सक्षम अधिकारी को निर्देशित किया जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।