15 फरवरी से तीन दिन तक धामी सरकार के पुतले जलाएंगे राज्य आंदोलनकारीः धीरेंद्र प्रताप
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के संगठन चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने ऐलान किया है कि आगामी 15 फरवरी से 17 फरवरी तक राज्य निर्माण आंदोलनकारी पूरे उत्तराखंड में राज्य के बेरोजगारों के दमन के विरुद्ध धामी सरकार के पुतले जलाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उत्तराखंड में जिस तरह से बेरोजगारों के आंदोलन का दमन किया जा रहा है। उन पर निर्मम लाठीचार्ज किया गया और मुकदमे दर्ज किए गए हैं, इससे सारे राज्य के आंदोलनकारी क्षुब्ध हैं। साथ ही राज्य सरकार की तानाशाही और दमनकारी नीतियों का विरोध करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा राजनीतिक दलों में कांग्रेस भी सरकार की इस नीति का विरोध कर रही है। उन्होंने इस मामले में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेताओं पीसी तिवारी और प्रभात ध्यानी से बात की है। साथ ही राज्य आंदोलनकारी मंच, उत्तराखंड क्रांति दल, वामपंथी दलों का भी विरोध सरकार के खिलाफ सामने आया है। उन्होंने तमाम विपक्षी दलों से इस मामले में एकीकृत नीति बनाए जाने और इस सरकार को सबक सिखाने की अपील की। ताकि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में पांचों लोकसभा प्रत्याशी विपक्ष के जीतें और तमाम विपक्षी दल बेरोजगारों के पक्ष में एक साथ सड़कों पर उतरें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों ने जो सपना उत्तराखंड को बनाने का देखा था, भाजपा सरकार ने उसे नेस्तनाबूद कर दिया है। हमारी जवानी सड़कों पर है और उसका खून भाजपा के लोग बहाने पर लगे हैं। इस वक्त चुप रहना शहीदों के सपनों के साथ धोखा देना होगा। उन्होंने तमाम आंदोलनकारियों से अगले 3 दिनों तक लगातार धामी सरकार के पुतले फूंकने का आह्वान किया। इस सरकार के बर्बर शासन का विरोध दर्ज करने का आह्वान किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट, केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरिता नेगी, अनिल जोशी, डॉ विजेंद्र पोखरियाल, अभियान समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह रावत, महिला शाखा की अध्यक्ष सावित्री नेगी, केंद्रीय संयोजक मनीष नागपाल, मीडिया विभाग के अध्यक्ष नवीन जोशी ने भी धामी सरकार की दमन की नीति की निंदा की है। साथ ही सरकार के तानाशाही कदमों का विरोध करने के लिए राज्य भर के आंदोलनकारियों के पुतले जलाने के फैसले का समर्थन किया है।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।