विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर विशेषः ब्रांडेड और जेनरिक दवाओं के बीच के अंतर को लेकर ना हों भ्रमित, जानिए कौन सी दवा किफायती

आज 25 सितम्बर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस है। वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले फार्मासिस्टों का सम्मान करने के लिए इस दिवस को विशेष तौर से मनाया जाता है। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि फार्मासिस्टों के माध्यम से आम लोगों को दवाओं की क्वालिटी और उनकी उपयोगिता की बेहतर जानकारी हो। भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए जेनरिक दवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन दवाओं का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य देखभाल को किफायती बनाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एम्स ऋषिकेश के औषधि विज्ञान विभाग के हेड प्रोफेसर शैलेन्द्र हांडू बताते हैं कि अधिकांश लोग ब्रांडेड और जेनरिक दवाओं के बीच के अंतर को लेकर भ्रमित रहते हैं। दोनों प्रकार की दवाएं समान सक्रिय तत्वों के साथ बनाई जाती हैं और उनका उद्देश्य भी एक ही होता है। ब्रांडेड दवाएं आमतौर पर महंगी होती हैं, जबकि जेनरिक दवाएं सस्ती होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता के बारे में अक्सर सवाल उठते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसी भी जेनरिक दवा को बाजार में उतारने से पहले कठोर परीक्षणों से गुजरना पड़ता है। जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इनका परीक्षण और मूल्यांकन करना जरूरी होता है। यह दवाएं उन ब्रांडेड दवाओं की तरह ही होती हैं, जिनकी पेटेंट अवधि समाप्त हो चुकी होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विभाग के आचार्य और एम्स में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के प्रभारी डॉ. पुनीत धमीजा ने बताया कि मेडिकल स्टोरों में दोनों ही प्रकार की दवाएं मिलती हैं। ब्रांडेड दवाएं वह होती हैं जिन्हें किसी फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा विशेष नाम के तहत बेचा जाता है। वह आमतौर पर महंगी होती हैं क्योंकि उनकी मार्केटिंग, प्रचार-प्रसार और आरंभिक अनुसंधान में भारी निवेश किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरी ओर, जेनरिक दवाएं उन्हीं सक्रिय अवयवों के साथ बनाई जाती हैं, लेकिन वह बिना ब्रांड के होती हैं और अपेक्षाकृत सस्ती होती हैं। डॉक्टर धमीजा ने कहा कि इन दवाओं के सेवन से यदि किसी भी प्रकार का साईड इफेक्ट होता है तो टोल फ्री नंबर 1800 180 3024 पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दवाओं के प्रभाव
डॉ. धमीजा ने बताया कि कभी-कभी जेनरिक दवाओं के सेवन के बाद कुछ लोगों को एलर्जी या अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। इसके अलावा दवा के निर्माता या विक्रेता से संपर्क किया जा सकता है। इस मामले में राज्य के ड्रग कंट्रोलर के पास भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत दर्ज करवाने की यह सुविधा ऑनलाइन माध्यम से भी की जा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जेनरिक दवाओं की उपलब्धता
आजकल सरकारी मेडिकल स्टोर, जेनरिक दवा केंद्र और ऑनलाइन फार्मेसी में भी यह दवाएं उपलब्ध हैं। केन्द्र सरकार ने इसके लिए प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत जेनरिक दवा के लिए विशेष स्टोर खोले हैं। डॉ. धमीजा ने बताया कि इन स्टोरों में गुणवत्तापूर्ण जेनरिक दवाएं सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग भी जेनरिक दवाओं का बड़ा उत्पादक और निर्यातक है, जिससे यह दवाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।