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March 12, 2025

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सपा नेता आजम खान को मिली जमानत, रिहाई पर संशय

सपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री आजम खां को बड़ी राहत मिली है। आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। वक्फ बोर्ड की जमीन मामले में पांच मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।

सपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री आजम खां को बड़ी राहत मिली है। आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। वक्फ बोर्ड की जमीन मामले में पांच मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने खुली अदालत में फैसला सुनाया। हालांकि आजम के जेल से बाहर आने पर संशय बरकरार है। तीन दिन पहले ही आजम खां के खिलाफ दर्ज स्कूलों की मान्यता से संबंधित एक मामले में जेल में नोटिस तामिला कराया गया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से विधायक आजम खान के एक मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट पर कड़ी टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है था कि 87 मे से 86 मामलों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है, सिर्फ एक मामले के लिए इतना लंबा वक्त क्यों लग रहा है। कोर्ट ने यह कहा कि 137 दिन बाद भी फैसला क्यों नहीं हो पाया। अदालत ने यह भी कहा कि अगर इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में फैसला नहीं देगा तो हम इसमें दखल देंगे। अदालत इस मामले में 11 मई को अगली सुनवाई करेगी।आजम खान फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को फटकार लगाई थी। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई की बेंच ने कहा था कि ये न्याय का माखौल है।
गौरतलब है कि आजम वर्ष 2020 की शुरुआत से जेल में हैं और पिछले कुछ वर्षों में यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ 88 केस दर्ज किए हैं। इनमें से 86 केसों में उन्‍होंने जमानत पहले ही मिल चुकी थी। मंगलवार को आजम को 87वें मामले में जमानत मिली है, लेकिन यूपी पुलिस की ओर से कुछ दिन पहले ही उनके खिलाफ 88वां केस दर्ज कराया गया है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम ने रामपुर संसदीय सीट से जीत हासिल की थी। उन्‍होंने जेल में रहते हुए इसी वर्ष विधानसभा चुनाव भी लड़ा था और जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्‍होंने लोकसभा सीट की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया था। आजम की गिनती समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुस्लिम नेताओं में की जाती है। यूपी में बीजेपी के सत्‍ता में आने के बाद आजम के खिलाफ जमीन पर अवैध कब्‍जे और अन्‍य केस दर्ज किए गए हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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