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November 14, 2024

सोमवती अमावस्या आज, गंगा सहित अन्य नदियों में स्नान को उमड़े श्रद्धालु, जानिए शुभ मुहूर्त, ऐसे दूर करें पितृ दोष

देशभर में आज सोमवार को सोमवती अमावस्‍या स्‍नान पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन गंगा नदी और किसी में पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण और दान भी किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास अंतिम मास होता है, इसलिए इस मास में मंत्र जप और तप का विशेष महत्व होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गंगा सहित अन्य नदियों में उमड़े लोग
सोमवती अमावस्या के दिन श्रद्धालु सुबह से ही गंगा सहित अन्य नदियों में स्नान को उमड़ पड़े। हरिद्वार में आज भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। हरकी पैड़ी सहित गंगा घाटों में स्नान के लिए तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। भक्‍त स्‍नान के बाद पूजा और दान भी कर रहे हैं। साथ ही मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

2023 में तीन सोमवती अमावस्या का बना योग
पहला योग 20 फरवरी को
दूसरा योग 17 जुलाई को
तीसरा योग 13 नवंबर को
फाल्गुन सोमवती अमावस्या का मुहूर्त
तिथि आरंभ – 19 फरवरी 2023 , समय – शाम 04.18 बजे
तिथि समापन – 20 फरवरी 2023, समय – दोपहर 12.35 बजे
दान मुहूर्त – 20 फरवरी सुबह 07.00 – सुबह 08.25
पूजा मुहूर्त – 20 फरवरी सुबह 09.50 – सुबह 11.15
शिव योग – 20 फरवरी 2023 सुबह 11.03 बजे से 21 फरवरी 2023 सुबह 06.57 बजे तक (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भगवान शिव की होती है पूजा
फाल्गुन मास में सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस अमावस्या पर विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस वर्ष आज यानी 20 फरवरी के दिन सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है। सोमवती अमावस्या पर विशेषकर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। परंतु, इस दिन पितृ दोष का ध्यान रखना भी आवश्यक होता है। सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण किया जाता है। मान्यतानुसार पितरों को शांति मिलती है और व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पितृ दोष के उपाय
सोमवती अमावस्या के दिन भक्त माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा-आराधना करते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और घर में सुख-समृद्धि की मनोकामना भी की जाती है। पंचांग के अनुसार 19 फरवरी की शाम से ही सोमवती अमावस्या शुरू हो चुकी है और अगले दिन यानी आज 20 फरवरी के दिन दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक सोमवती अमावस्या रहेगी। आज पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 45 मिनट से 11 बजकर 10 मिनट तक बताया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसे दूर करें पितृ दोष
पूजा करने के लिए पीपल के पेड़ पर जल व दूध अर्पित किया जा सकता है। पितरों के लिए पांच तरह की मिठाई चढ़ाई जाती है। इसके अलावा जनेऊ अर्पित कर दीप जलाए जाते हैं। पितृ दोष से मुक्ति के लिए 108 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। अशुभ प्रभावों से बचने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन कंडे की धूनी दक्षिण दिशा में जलाई जाती है। इसके अलावा केसर वाली खीर को पूजा में सम्मिलित किया जाता है। अपनी गलतियों की पितरों से माफी मांगने का भी इस दिन विधान है। इससे क्षमा प्राप्ति होती है और पूजा का शुभ फल भी मिलता है। पितरों की पूजा से अलग इस दिन आर्धिक संपन्नता के लिए पीपल के पेड़ पर भोग चढ़ाने के पश्चात प्रसाद को बच्चों व ब्राह्मणों में बांटा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमावस्या पर करें तर्पण
सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र स्नान एवं दान के साथ-साथ तर्पण आदि का भी विशेष महत्व है. इस दिन स्नान के बाद पितरों के आत्मा की शांति के लिए तर्पण आदि जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितर प्रसन्न होते हैं। साथ ही इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और जीवन में सभी दुखों का नाश हो जाता है। इसके साथ साधकों को कई प्रकार के दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। इस दिन पीपल वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है। महिलाएं भी पति की लंबी आयु के लिए सोमवती आमावस्या के व्रत को रखकर सुख- समृद्धि की कामना कर सकती हैं।
नोटः यहां दी गई जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। लोकसाक्ष्य इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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