उत्तराखंड में कोरोना के नए संक्रमितों में मामूली बढ़ोत्तरी, व्यवस्थाओं को जांचने के लिए अस्पतालों में की गई मॉक ड्रिल
उत्तराखंड की पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें, (खबर आगे भी जारी)-2022.12.27 Health Bulletin
कोरोना से अब तक 7751 मौत
उत्तराखंड में एक जनवरी 2022 से लेकर अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 104592 है। इनमें से 100431 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान 6 मरीज स्वस्थ हुए। एक्टिव मरीजों की संख्या 27 है। कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 7751 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं, एक जनवरी 2022 से अब तक 333 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है। मौत की दर 0.32 फीसद है। रिकवरी दर 96.02 फीसद है। सात मई 2021 को सर्वाधिक 9642 नए कोरोना संक्रमित मिले थे। 15 मई 2021 को सर्वाधिक 197 मौत दर्ज की गई। तीसरी लहर में एक फरवरी 2022 को सर्वाधिक 18 लोगों की मौत दर्ज की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एम्स ऋषिकेश में मॉक ड्रिल के जरिये जांची व्यवस्थाएं
कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर एम्स ऋषिकेश ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस कड़ी में केन्द्र सरकार के निर्देश पर मंगलवार को एम्स के अस्पताल परिसर में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। एम्स अस्पताल प्रशासन की ओर से आयोजित मॉक ड्रिल के दौरान अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, डॉक्टर्स, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ आदि की उपलब्धता और क्षमताओं को परखा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मॉक ड्रिल के तहत डमी मरीजों के माध्यम से कोविड संबन्धी तैयारियों को दो अलग-अलग विषयों पर फोकस किया गया था। मॉक ड्रिल के माध्यम से सामान्य लक्षण वाले कोविड मरीज की जांच के बाद उसकी काउन्सिलिंग की गई। सैम्पलिंग के बाद उसे 7 दिनों के लिए होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई। बताया गया कि होम आइसोलेशन में रहने के दौरान मरीज को कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे मामले में बताया गया कि गंभीर लक्षण वाले मरीज के इलाज के दौरान क्या-क्या आवश्यकताएं पड़ सकती हैं और अस्पताल को किस प्रकार तैयार रहना है। मॉक ड्रिल के दौरान खांसी, बुखार और डायरिया से ग्रसित गंभीर लक्षण वाले एक कोविड मरीज को चिकित्सकों की टीम ने परीक्षण के उपरांत ऑक्सीजन सपोर्ट द्वारा इमरजेंसी विभाग भेजा। वहां से मरीज को उचित इलाज हेतु कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि इस तरह की कवायद से अस्पताल में कोविड इलाज से संबन्धित हमारी परिचालन तत्परता में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नोरसेट द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से हाल ही में चयनित होकर आए 400 से अधिक नर्सिंग स्टाफ के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीजों का इलाज करना उनका पहला अनुभव होगा। कोविड मरीजों का इलाज किस प्रकार किया जाता है, इस मॉक ड्रिल से ऐसे सभी नर्सिंग स्टाफ को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास से हमारी स्वास्थ्य देखभाल संबन्धी प्रक्रिया मजबूत होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अमित त्यागी ने बताया कि चीन और अन्य देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच एहतियाती उपायों के तहत यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि एम्स में पूर्व से ही कोविड गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई, दवाओं, बेड तथा वेन्टिलेटर की सभी व्यवस्थाओं को परख लिया गया है। यदि मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई तो एम्स अस्पताल कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। मॉक ड्रिल में एम्स के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अमित त्यागी, मुख्य नर्सिंग अधिकारी रीटा शर्मा, डीएनएस वन्दना, कमलेश चन्द, जीनू जैकब, पुष्पा रानी सहित सीएफएम, नर्सिंग और सिक्योरिटी विभाग का स्टाफ के सदस्य शामिल हुए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।