उत्तराखंड में सीएम धामी के मंत्रिमंडल की बैठक में छह प्रस्तावों पर लगी मुहर

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल की बैठक में छह प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इन प्रस्तावों में कृषि, खनन, पर्यावरण, स्वास्थ्य शिक्षा, महिला एवं बाल विकास से जुड़े अहम निर्णय लिए गए। पर्यावरण से जुड़े अहम फैसले में कैबिनेट ने आसन बैराज की दोनों ओर के क्षेत्र को ‘वेटलैंड जोन’ के रूप में घोषित करने को मंजूरी दी गई। आसन नदी के इस हिस्से की कुल लंबाई 53 किमी है। पहले इस पर आपत्तियां मांगी गई थीं, जिन्हें दूर करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके अलावा देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदियों के फ्लड जोन क्षेत्र में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), मोबाइल टावर, रोपवे टावर और एलीवेटेड रोड निर्माण जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण को स्वीकृति दी गई है। करीब ढाई घंटे चली धामी कैबिनेट की बैठक में सबसे पहले चर्चा की गई कि उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के तहत दो सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन इसके जो सर्विस रूल्स बनाए गए थे, उनके शोध की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में विभागीय नियमावली को मंजूरी मिल गई है। वहीं, औद्योगिक विकास खनन विभाग के तहत बागेश्वर क्षेत्र में इंस्पेक्शन को बढ़ाए जाने के लिए 18 पदों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस पर मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके साथ ही अन्य फैसले में देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदियों में जो क्षेत्र बाढ़ परिक्षेत्र घोषित किये गये हैं, उन क्षेत्रों में एसटीपी का निर्माण, एलिवेटेड रोड के लिए नींव समेत संरचना का निर्माण, रोपवे टावर का निर्माण कार्य, मोबाइल टावर निर्माण और हाई टेंशन विद्युत लाइन का निर्माण करने को मंजूरी दे दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में चर्चा की गई कि पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवनों को पीपीपी मोड में डेवलप करने का निर्णय लिया गया था। ऐसे में इन पांचों निरीक्षण भवनों को पीपीपी मोड में विश्व स्तरीय गेट हाउस के रूप में डेवलप किया जाएगा। रानीखेत, उत्तरकाशी, दुगलबित्ता, हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवन को विकसित किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को आबकारी विभाग से मिलने वाले एक फीसदी सेस के पैसे का इस्तेमाल करने के लिए नियमावली को मंजूरी दी गई। साथ ही पैरा मेडिकल स्नातक के कोर्सेज के लिए उत्तराखंड पैरा चिकित्सा अधिनियम 2009 और उत्तराखंड पैरा चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रावधान किया गया है। ऐसे में उनके मानकों को विनियमित करने, प्रवेश परीक्षा, पाठ्यक्रमों के मानकीकरण के साथ ही पंजीकरण के मानकों में एकरूपता लाने के लिए नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट 2021 के तहत काउंसिल (उत्तराखंड राज्य सैबत्त और स्वास्थ्य देखरेख परिषद) बनाए जाने पर मंजूरी मिली है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
Garibo ke sath bjp bahut galat kar rahi hai or dubra se bjp nhi aye gi