कांग्रेस सहित छह विपक्षी दलों ने सरकार को लिखा खुला पत्र, इन मुद्दों पर घेरने की कोशिश
उत्तराखंड में कांग्रेस सहित छह विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से प्रदेश सरकार के सीएम के नाम खुला पत्र लिखा। इसके जरिये सरकार को घेरने का प्रयास किया गया। इस पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल), समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेता शामिल हैं। पत्र के जरिये मालिन बस्तियों को ले कर सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाया गया। विपक्षी दलों का कहना है कि मीडिया की खबरों के अनुसार, सात साल में शहरों में बस्तियों के नियमितीकरण और पुनर्वास अधिनियम पर राज्य सरकार ने कोई काम ही नहीं किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह कानून पिछली कांग्रेस सरकार के समय में बनाया गया था। देहरादून शहर में तो 2017 से लेकर 2021 के बीच में इस कानून के अमल के लिए एक बैठक तक नहीं रखी गई। अभी तक मात्र तीन ही बस्तियों का सर्वेक्षण हुआ है। किसी भी बस्ती का नियमितीकरण या पुनर्वास पर चर्चा तक नहीं की गयी है। लापरवाही का आलम यह है कि 2017 में शहर का क्षेत्रफल तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया था, लेकिन आज तक नए क्षेत्रों में बसे मज़दूर बस्तियों का चिह्ननीकरण तक नहीं किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यही नहीं, अगस्त 2022 और अभी हाल ही में पुनः उच्च न्यायालय की और से बस्तियों को हटाने के आदेश आए हैं और सरकार उन आदेशों के बहाने “अतिक्रमण हटाओ अभियान” चला कर आम लोगों को प्रदेश भर में प्रताड़ित कर रही है। सरकार अपनी ही नाकामियों को छुपाने के लिए जनता को अपराधी ठहरा रही है, गरीब निरीह जनता के साथ इससे बड़ा छलावा नही हो सकता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खुले खत में विपक्षी दलों ने इन मांगों को उठाया
सरकार अध्यादेश लाये कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर किसी को बेघर नहीं किया जायेगा। क्योंकि किसी भी परिवार को बेघर करने से बच्चों, महिलाओं और बुज़ुर्गों पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सरकार युद्धस्तर पर 2016 के अधिनियम पर अमल करे। सरकार प्रदेश भर में वन अधिकार अधिनियम और अन्य नीतियों द्वारा लोगों के हक़ों को सुनिश्चित करे। सरकार न्यायालय के सामने चल रही याचिकाओं में हकीकत और सही क़ानूनी राय रखे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पत्र में इनके हैं हस्ताक्षर
पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव राजेंद्र नेगी, भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी की राज्य कौंसिल के सदस्य समर भंडारी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. एसएन सचान, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव नरेश नौडियाल शामिल रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।