हाई रिस्क की श्रेणी वाले देश से आए यात्रियों में छह मिले कोरोना संक्रमित, अलर्ट मोड में सरकार, टेस्ट के लिए जेब ढीली और घंटों इंतजार
दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए भारत सहित अन्य देशों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। भारत सरकार अलर्ट मोड में है और भारत में एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले यात्रियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। फ्लाइट से उतरते ही उनकी कोरोना जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि भारत में विदेश से आईं 11 फ्लाइट्स में से छह यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। ये फ्लाइट्स उन देशों से आई थीं, जिन्हें हाई रिस्क की श्रेणी में रखा गया है। सभी संक्रमित यात्रियों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं। ये यात्री देश के अलग-अलग एयरपोर्ट पर टेस्टिंग के दौरान संक्रमित पाए गए। कल हाई रिस्क देशों से भारत आए 3476 यात्रियों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया। इस कारण कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को लंबा इंतजार भी करना पड़ा।
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर महाराष्ट्र सरकार की गाइडलाइंस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नाराजगी जाहिर की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देशभर में एक जैसी गाइडलाइंस हो, जिससे यात्रियों को कोई परेशानी ना उठानी पड़े। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से महाराष्ट्र सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को एक चिट्ठी भी लिखी गई है। दुनियाभर के देशों में ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ता जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका में मिला ये वायरस अबतक 23 देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी पुष्टि की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कहा गया है कि सभी देशों को ओमिक्रॉन को लेकर सतर्क रहना होगा। ओमिक्रॉन वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए विदेश से आने वाले संक्रमित व्यक्तियों के लिए लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में 20 बेड रिजर्व किए गए हैं। किसी के संक्रमित पाए जाने पर उसे इसी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. इसके साथ ही लखनऊ एयरपोर्ट पर टेस्टिंग भी बढ़ा दी गई है। वहीं, बैंगलुरु एयरपोर्ट से सूचना मिली कि यहां सभी यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं हो रहे हैं। सिर्फ उन्हीं यात्रियों के ही टेस्ट किए जा रहे हैं, जो यात्री हाई रिस्क की श्रेणी वाले देश से आ रहे हैं। वहीं, जिन लोगों का टेस्ट हो रहा है, उन्हें रिपोर्ट के इंतजार में पांच से छह घंटे तक एयरपोर्ट में ही रुकना पड़ रहा है। साथ ही दो घंटे के टेस्ट के लिए चार हजार रुपये यात्रियों से वसूला जा रहा है। वहीं, चार घंटे में रिपोर्ट देने के लिए 1700 रुपये लिए जा रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।