हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में एसआईटी करेगी उत्तराखंड में पेपर लीक की जांच

रविवार 21 सितंबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर के तीन पन्ने लीक होने के मामले की शिकायतों की जांच अब एसआईटी करेगी। राज्य सरकार ने एसआईटी को जांच रिपेार्ट देने के लिए एक महीने का समय तय किया है। ये जांच एसआईटी हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में काम करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इसे लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरी है। इसलिए जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी को सौंपी गई है। एसआईटी भर्ती परीक्षा में पेपर एक सेंटर से बाहर आने के मामले के हर पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट देगी। सेवानिवृत्त जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे, इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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गौरतलब है कि उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय पटवारी भर्ती परीक्षा रविवार की सुबह 11 बजे से थी। परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद सुबह 11:35 मिनट पर पेपर आउट होने का दावा करते हुए कई लोगों ने अपनी फेसबुक पर तीन पेपर की फोटो डालकर पेपर लीक का दावा किया था। इस मामले में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग कर रही है। अब सरकार ने इस मामले की जांच का फैसला लिया है। उधर, पेपर लीक के मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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इस मामले में मुख्य सचिव ने बताया कि जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी, तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। एसआईटी एसआईटी की जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो, इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही विवादों के केंद्र में स्थित हरिद्वार के परीक्षा केंद्र पर जिस भी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।