श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा होगी पूरी, केदारनाथ जी की शिला को वापस लाए सरकारः सूर्यकांत धस्माना
उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि केदारनाथ धाम में स्थितियां सामान्य होने पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की ओर से केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा को पूरा किया जाएगा। केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा एक अगस्त को आपदा के कारण सीतापुर पहुंच कर स्थगित कर दी गई थी। इसे जल्दी पुनः शुरू किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस की श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा के कारण जो जन दबाव बना, उससे विचलित हो कर ही प्रदेश सरकार ने दिल्ली के बुराड़ी में निर्माणाधीन केदारनाथ धाम मंदिर का काम रुकवाया। उक्त नाम से बने ट्रस्ट को उसे बनाने वालों ने भंग कर दिया। अन्यथा इस ट्रस्ट ने तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में शिलान्यास वाले दिन ही घोषणा कर दी थी कि ट्रस्ट उत्तराखंड के चारों धामों के प्रतिरूप तैयार करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि इस तथाकथित ट्रस्ट द्वारा सनातन धर्म के नाम पर और उत्तराखंड के चारों धामों के नाम पर बड़े पैमाने पर चंदा एकत्रित करने का प्लान था। ये खेल तब बिगड़ा जब चारों धामों के पंडा पुरोहितों, आम जनमानस व ज्योर्तिमठ के पूज्य शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद गिरी ने विरोध किया। साथ ही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के नेतृत्व में श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा निकाली गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यात्रा से बने जन दबाव के कारण सरकार को बैंक फुट पर आना पड़ा और सरकार की पीछे हटने के निर्णय के कई महीनों बाद अंतोगत्वा इस तथाकथित ट्रस्ट की ओर से भी अब श्री केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट को भंग करने का निर्णय लेना पड़ा। धस्माना ने कहा कि हमारी यात्रा के केवल एक बिंदु पर अभी जीत हुई है, लेकिन श्री केदारनाथ जी से जो शिला ले जाई गई थी, वो वापस आनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जो चंदा उगाही श्री केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट के नाम से हुई, उसे वसूल कर बीकेटीसी में खाते में जमा कि या जाना चाहिए। श्री केदारनाथ धाम में मंदिर के गर्भ गृह की मर्यादा कैमरे ले जा कर गर्भ गृह का लाइव प्रसारण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कृष्णा माई गुफा का नाम पुनः कृष्णा माई की गुफा किया जाना चाहिए। साथ ही केदारनाथ मंदिर से जो 228 किलो सोना गायब हुआ, जो चांदी उतारी गई, उस प्रकरण की पूरी निष्पक्ष जांच कर सच्चाई जनता को बताई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यह मुद्दे अभी अनुत्तरित हैं। इसलिए कांग्रेस अपनी यात्रा को जारी रखेगी। जैसे ही श्री केदारनाथ धाम में आपदा की स्थिति सामान्य हो जाएगी, हम बची हुई यात्रा पूरी करेंगे। पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि सतपाल महाराज जो सोने की चोरी पर सफाई दे रहे हैं, तो हम उनकी प्रेस वार्ता का इंतजार कर रहे हैं। जिसमें वो सोने चांदी प्रकरण पर उनके पास मौजूद रिपोर्ट में उजागर सत्य को बताएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्री केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट के भंग होने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को श्रेय देने के एक प्रश्न पर धस्माना ने कहा कि यह बात हास्यास्पद है कि एक गलती को जन दबाव के चलते सुधारने का निर्णय का श्रेय भी गलती करने वाले को ही दिया जाय। पत्रकार वार्ता में अमरजीत सिंह, गरिमा मेहरा दसौनी, शीशपाल सिंह बिष्ट, विजय पाल रावत उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का कांग्रेस विरोध कर रही थी। कांग्रेस का कहना है कि केदारनाथ धाम का प्रतीकात्मक स्वरूप कहीं ओर नहीं बनाया जा सकता है। साथ ही कांग्रेस ने इसे बीजेपी की सनातन विरोधी मानसिकता करार दिया। कांग्रेस का आरोप है कि धर्म के नाम पर बीजेपी और उससे जुड़े लोग बिजनेस कर रहे हैं। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया था। वहां केदारनाथ धाम से शिला भी ले जाई गई थी। इसके विरोध में 24 जुलाई को हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी से कांग्रेस की ओर से केदारनाथ तक के लिए पदयात्रा शुरू की गई। इसे केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का नाम दिया गया है। केदारनाथ में बारिश और 31 अगस्त की आपदा के चलते यात्रा को स्थगित कर दिया गया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।