बदले नियमों में केंद्रीय कर्मचारियों को झटका, चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया तो रुकेगी पेंशन और ग्रेच्युटी, पढ़िए खबर
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते में चार फीसद का इजाफा होने के बाद से ही कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। बढ़ा हुआ डीए जनवरी से लागू किया गया है। महंगाई भत्ता बढ़ाकर 42 फीसद कर दिया। वहीं, सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को जोरदार झटका लग सकता है। दरअसल, सरकार की ओर से ग्रेच्युटी और पेंशन से जुड़े नियम में बदलाव किया गया है। इसमें सरकार ने सेंट्रल गवर्नमेंट कर्मचारियों के लिए सख्त चेतावनी जारी की है। अगर कर्मचारी सरकार की इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हैं तो यह उन पर बहुत भारी पड़ सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जानिए जरूरी नियम
हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जनवरी के महंगाई भत्ते की घोषणा हुई है। वहीं, कुछ समय पहले सरकार की ओर से एक निर्देश भी जारी किया था, जिसमें कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी है। इसके अनुसार अगर वर्कस्पेस पर कोई भी कर्मचारी कोताही करता पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसके तहत उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकी जा सकती है। सरकार ने इस संबंध में पिछले साल नवंबर 2022 को नोटिस जारी किया था। ऐसे में कोई कर्मचारी नौकरी पर काम में लापरवाही करता है तो रिटायरमेंट के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ सकती है। इसके तहत दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश संबंधित डिपार्टमेंट्स को दिए जा चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन अधिकारियों को दिए गए हैं अधिकार
रिटायर्ड कर्मचारी के अप्वाइंटिंग अथॉरिटी में शामिल रहे प्रेसीडेंट को, संबंधित मंत्रालय या विभाग से जुड़े सचिव, जिसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति हुई हो और ऑडिट और अकाउंट विभाग से रिटायर कर्मचारी को CAG को दोषी कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार है। अगर नौकरी के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ कोई विभागीय या न्यायिक कार्रवाई हुई है तो इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना जरूरी होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस स्थिति में भी लागू होगा नियम
कोई कर्मचारी रिटायर होने के बाद फिर से संविदा पर नियुक्त हुआ है। रिटायर कर्मचारी पेंशन या ग्रेच्युटी ले चुका है, उसके बाद वो दोषी पाया जाता है तो उससे पूरी या आंशिक राशि वापस ली जा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यूपीएससी से लेना होगा सुझाव
नियमों के अनुसार ऐसी स्थिति में किसी भी अथॉरिटी को अंतिम आदेश देने से पहले यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) से सुझाव लेना होगा। वहीं, किसी भी मामले में जहां पेंशन रोकी या निकाली जाएगी, उसमें न्यूनतम राशि 9000 रुपये प्रति माह होनी चाहिए।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।