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August 4, 2025

झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन का निधन, राष्ट्रपति, पीएम सहित कई नेताओं ने जताया दुख, जानिए उनकी राजनीतिक यात्रा

38 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई करने वाले शिबू सोरेन का आज सोमवार चार जुलाई 2025 को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। वह पिछले एक महीने से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उपचाराधीन थे। इसी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। गुरुजी के नाम से विख्यात सोरेन का पार्थिव शरीर आज शाम रांची पहुंचेगा। कल विधानसभा में दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद कल शाम रामगढ़ के नेमरा में अंतिम संस्कार किया जाएगा। नेमरा गुरुजी का पैतृक गांव और जन्मस्थान है। उनके निधन की जानकारी के बाद पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शिबू सोरेन के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दिल्ली में उस वक्त अस्पताल में ही थे, जब उनके पिता ने अंतिम सांस ली। सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पिता के निधन की जानकारी साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं. आज मैं शून्य हो गया हूं…। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कई साल से चल रहे थे बीमार
दरअसल शिबू सोरेन पिछले कई वर्षों से बीमार चल रहे थे। उन्हें जून के आखिरी सप्ताह में गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीते कुछ दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। शिबू सोरेन को किडनी संबंधी समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेता
वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से एक थे और उन्होंने आदिवासी अधिकारों की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई थी। उन्होंने अलग झारखंड राज्य की मुहिम को नेतृत्व दिया और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री भी बने। शिबू सोरेन के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासी इलाकों में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का अभियान चलाया और राज्य को अलग पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजनीतिक यात्रा
शिबू सोरेन को ‘दिशोम गुरु’ के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ (तत्कालीन हजारीबाग) जिले के नेमरा गांव में हुआ। उनके पिता सोबरन मांझी की 1957 में हत्या ने उनके जीवन को बदल दिया, जिसके बाद उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन शुरू किया। शिबू ने 1970 के दशक में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की स्थापना की और सूदखोरी, शराबबंदी, और आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शिबू सोरेन 1971 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव बने थे। उन्होंने 1977 में दुमका लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार मिली थी। इसके बाद 1980 में वे पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद 1989, 1991, 1996, और 2002 में भी वे दुमका से सांसद रहे। लोकसभा के अलावा शिबू सोरेने अपने राजनीतिक करियर में राज्यसभा के भी सदस्य रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कभी भी पूरा नहीं कर सके कार्यकाल
उन्होंने झारखंड अलग राज्य आंदोलन का नेतृत्व किया, जो 2000 में सफल हुआ। शिबू सोरेन तीन बार (2005, 2008-09, 2009-10) झारखंड के मुख्यमंत्री बने, हालांकि वे कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 2004 में वे यूपीए सरकार में कोयला मंत्री बने, लेकिन चिरूडीह कांड और शशि नाथ झा हत्या मामले में विवादों के कारण इस्तीफा देना पड़ा। हाईकोर्ट ने उन्हें बाद में बरी कर दिया। 1993 के सांसद घूसकांड में भी उनका नाम उछला, लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत दी। उनकी ‘लक्ष्मीनिया जीप’ आंदोलन के दिनों की प्रतीक रही। उनके बेटे हेमंत सोरेन और परिवार के अन्य सदस्य भी जेएमएम के माध्यम से उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जाहिर किया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पोस्ट के जरिए कहा कि शिबू सोरेन जी का निधन सामाजिक न्याय के क्षेत्र में बड़ी क्षति है। उन्होंने आदिवासी पहचान और झारखंड को राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया। जमीनी स्तर पर उनके काम के अलावा, उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में भी योगदान दिया। मैं उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, अन्य परिवारजनों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूँ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पीएम मोदी ने जताया दुख
शिबू सोरेन के निधन पर पीएम मोदी ने भी शोक जताया है। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि शिबू सोरेन जी एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे। उनके निधन से दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी जताया दुख
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि शिबू सोरेन जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने अलग झारखंड प्रदेश और वहाँ के लोगों के जल, जंगल, जमीन के अधिकार और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए आजीवन संघर्ष किया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, शिबू सोरेन जी के निधन से मैं दुःखी हूँ। उन्होंने अलग झारखंड प्रदेश और वहाँ के लोगों के जल, जंगल, जमीन के अधिकार और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए आजीवन संघर्ष किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राहुल गांधी ने जताया दुख
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM के वरिष्ठ नेता शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार सुनकर गहरा दुख हुआ। आदिवासी समाज की मज़बूत आवाज़, सोरेन जी ने उनके हक़ और अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। झारखंड के निर्माण में उनकी भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा। हेमंत सोरेन जी और पूरे सोरेन परिवार के साथ-साथ गुरुजी के सभी समर्थकों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जनजातीय समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष कियाः राजनाथ सिंह
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शिबू सोरेन जी झारखंड के उन कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों विशेषरूप से जनजातीय समाज के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण के लिए आजीवन संघर्ष किया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक, श्री शिबू सोरेन जी झारखंड के उन क़द्दावर नेताओं में गिने जाते थे, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों विशेषरूप से जनजातीय समाज के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण के लिए आजीवन संघर्ष किया। वे हमेशा ज़मीन और जनता से जुड़े रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गृहमंत्री अमित शाह ने भी दी श्रद्धांजलि
शिबू सोरेन के निधन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी श्रद्धांजलि दी। शाह ने कहा कि उन्होंने दशकों तक झारखंड में जनजातीय समाज के अधिकारों और उनके सशक्तीकरण के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन जी के निधन की सूचना अत्यंत दु:खद है। झारखंड में जनजातीय समाज के अधिकारों और उनके सशक्तीकरण के लिए उन्होंने दशकों तक संघर्ष किया। अपने सहज व्यक्तित्व और सरल स्वभाव से वे जन-जन से जुड़े। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लालू यादव बोले- हमसे उनका था घनिष्ठ संबंध
पटना में आरजेडी प्रमुख एवं बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। लालू ने कहा कि वो दलित, आदिवासियों के महान नेता थे। हमसे उनका घनिष्ठ संबंध था। हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने व्यक्त किया शोक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शिबू सोरेन झारखंड के उन कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से जनजातीय समाज के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए आजीवन संघर्ष किया। वे हमेशा जमीन और जनता से जुड़े रहे। मेरा भी उनसे लंबा परिचय रहा। उनके निधन से मुझे बहुत दुःख हुआ है। उनके परिवार एवं समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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