केंद्र में भाजपा सरकार के सात साल, किसान आंदोलन के छह माह, लहराए जा रहे हैं काले झंडे, उत्तराखंड में वर्चुअली विरोध

दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को बुधवार 26 मई को को छह महीना पूरा हो गया। बुधवार को ही मौजूदा केंद्र सरकार को लगातार सत्ता में बने 7 साल पूरे हो गए। बुद्ध पूर्णिमा के इस मौके पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपने विरोध के स्वर को फिर से तेज कर दिया। देशभर में विरोध दिवस मनाने का एलान किया गया है। किसान इस दिन को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं।
इस दिन आंदोलन से जुड़े लोग घरों पर काले झंडे लगा चुके हैं। वहीं, प्रदर्शनकारी भी हाथों में काले झंडे लहरा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने कहा है कि उन्हें डराकर और थकाकर डिगाया नहीं जा सकता। जब तक सरकार उन पर दर्ज सभी मुकदमें वापस नहीं लेती और उनकी सभी मांगों को नहीं मान लेती वह दिल्ली की सीमाओं से वापस नहीं जाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी बात को साझा करते हुए कहा है कि किसानों ने दिल्ली समेत सभी धरना स्थलों पर बुद्ध पूर्णिमा पर्व मनाने की घोषणा की है। धरना स्थलों पर काले झंडे लगाए गए हैं और सरकार के पुतले जलाकर विरोध किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा नेता बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव, अभिमन्यु कोहाड़ के नाम से जारी की गई प्रेस वार्ता में कहा गया है कि किसान सत्य और अहिंसा के दम पर अपना आंदोलन आगे बढ़ा रहे हैं।
भाजपा नीत केंद्र सरकार किसानों के इस आंदोलन को कई बार हिंसक रंग देने का प्रयास करती रही और हमेशा विफल हुई। किसानों ने सत्य के दम पर अपने आप को मजबूत रखा है। इसी ताकत के दम पर किसान अपने आंदोलन को सफल होने तक जारी रखेंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही घर पर लगा चुके हैं काला झंडा
पूर्व क्रिकेटर एवं कांग्रेस के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन के समर्थन में अपने घर पर पहले ही काला झंडा लगा चुके हैं। उन्होंने अपने पटियाला और अमृतसर स्थित दोनों घरों पर लगाए हैं। पंजाब में लोगों ने आंदोलन के समर्थन और सरकार के विरोध में पहले ही काले झंडे सिलवा लिए थे। पंजाब में लोगों ने आंदोलन के समर्थन और सरकार के विरोध में पहले ही काले झंडे सिलवा लिए थे।
उत्तराखंड में वामपंथी और विपक्षी दलों ने दिया समर्थन
उत्तराखंड में वामपंथी पार्टियां, विपक्ष की अन्य पार्टियां तथा जन संगठन ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत अखिल भारतीय प्रतिवाद दिवस के वर्चुअल कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान दलों और संगठनों से जुड़े लोग घर पर ही हाथ में नारे लिखे पोस्टर लेकर विरोध जताते नजर आए। इस अवसर पर विपक्षी पार्टियों और जनसंगठनों ने कहा कि वे किसान आंदोलन और उसकी मांगों का समर्थन करते हैं।
छह महीने से जिस मजबूती के साथ किसान इस आंदोलन को चला रहे हैं, उसको सलाम करते हैं। विपक्षी पार्टियों और जनसंगठनों का आरोप है कि कोरोना महामारी के चरम के बीच भी किसानों की वाजिब मांगों के बारे में केंद्र सरकार उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाए हुए है। किसान संगठन सरकार से वार्ता की मांग कर चुके हैं। केंद्र सरकार को तत्काल किसानों से वार्ता करनी चाहिए और अविलंब तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए।
इस अवसर पर भाकपा के राज्य सचिव समर भंडारी, माकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एसएन सचान, भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी, उत्तराखंड महिला मंच के संयोजक मण्डल की सदस्य निर्मला बिष्ट, पीपल्स फोरम के संयोजक जयकृत कंडवाल, उत्तराखंड क्रांति दल (डेमोक्रेटिक) के संरक्षक पीसीजोशी, कम्युनिष्ट नेता गिरधर पंडित, सुरेंद्र सिंह सजवाण, चित्रा गुप्ता, राजेंद्र पुरोहित, अनन्त आकाश आदि शामिल रहे।
सीटू के मनाया काला दिवस, कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू ) ने देशव्यापी आह्वान पर देहरादून में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर काला दिवस मनाया। नाला पानी रोड देहरादून में सीटू जिला महामंत्री लेखराज के नेतृत्व में मोहल्ले वासियों ने काला दिवस मनाया। इस अवसर पर सचिन कुमार, संजय कुमार, मनोज कुमार, मुकेश कुमार, दिवित कुमार, सलोचना देवी, बलबीरी देवी, श्रीमती रेखा देवी, ममता देवी, अनामिका राज, कु. मिष्टि आदि उपस्तिथ थे। इस अवसर पर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। मांग की गई कि किसान विरोधी तीनो कृषि कानून वापस लिए जाएं।
इसके साथ ही श्रम कानूनों के संधोधन वापस लेने, बिजली संधोधन बिल वापस लेने, अभी गैर इनकम टैक्स वालो को 7500 रुपये देने की मांग की गई। सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को किसानों से वार्ता कर तीनो किसान विरोधी काले कानूनों को वापस लेना चाहिए।
इसके अलावा अधोई वाला के वाणी विहार, हर्रावाला, संविदा श्रमिक संघ व्यासी हाइड्रो परियोजना, हथियारी, चाय बागान उड़ियाबाग कर्मचारी यूनियन विकास नगर, लांघा रोड स्थित टॉब्रोस कामगार यूनियन, सहसपुर स्थित जीबी स्प्रिंग के कर्मचारियों , सीटू से सम्बद्ध आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सेविका कर्मचारी यूनियन, उत्तराखण्ड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन, उत्तराखण्ड भोजन माता कामगार यूनियन ने अपने अपने घरों व सेंटरों पर कार्यक्रम कर काला दिवस मनाया। मसूरी, ऋषिकेश, डोईवाला, सेलाकुई में भी काला दिवस मनाया गया।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।