राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग खिलाड़ियों को सेवा सोसाइटी ने किया सम्मानित
अन्तर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस के अवसर पर देहरादून में संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर और सेवा सोसाइटी के सहयोग से एक संगोष्ठी, सम्मान समारोह एवं निःशुल्क ऑर्थोपीडिक परामर्श शिविर का आयोजन किया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड अल्मसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. आरके जैन, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएन जैना, आयुर्वेदाचार्य डॉ. महेन्द्र राणा, वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. जेपी नवानी, समाजसेवी देवेन्द्र पाल सिंह मोन्टी, पद्मश्री डॉ. बीके एस. संजय, ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय, डॉ. सुजाता संजय ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सेंटर एवं सेवा सोसाइटी के सहयोग से दक्ष दिव्यांग खिलाड़ियों, नीरजा गोयल, राजेन्द्र सिंह तनवर, राजेश वर्मा, विशाल गोयल, मन्नू सिंह, मनोज परमार, धनवीर सिंह भण्डारी, अमित कुमार, नवीन कुमार एवं दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं में एनआईवीएच, मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन, इनर व्हील क्लब, लायंस क्लब, चशायर होम, बजाज लर्निंग, सीनियर सिटिजन वेलफेयर सोसायटी मसूरी इत्यादि को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित भी किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर पद्मश्री डॉ. संजय ने कहा कि दिव्यांगता जितने ज्यादा समय रहती है, उसका प्रभाव आनुपातिक रूप से बढ़ता रहता है। सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों और समाज को किसी भी प्रकार की दिव्यांगता को रोकने का प्रयास करना चाहिए। किसी भी कारण से हुई विकृति और दिव्यांगता को जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए। इसलिए हम लोग हमेशा रोगी को विकृति और रोगी के परिवार के सदस्यों को सलाह देते हैं कि यदि सर्जरी की आवश्यकता है, तो इसे जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। क्योंकि पौधे सीधे किए जाते हैं, पेड़ नहीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. गौरव संजय ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि कई दशकों पहले सीपी, पोलियो, ऑर्थोपीडिक दिव्यांगता के मुख्य कारण थे। आज सड़क दुर्घटनाएं दिव्यांगता के मुख्य कारण बन गई है। भारत 27 मार्च 2014 से पोलियो मुक्त है। इससे कोई नये मामले तो सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन पोलियो के लाखों पुराने मामले हैं और इसी तरह से सीपी के रोगी राष्ट्र के लिए बड़ी सामाजिक और अन्य समस्याऐें पैदा कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कुलपति प्रो. के. एन. जैना ने कहा कि शरीर मन और आत्मा सबके पास है तो कोई भी व्यक्ति दिव्यांग नहीं है। इन सभी के समावेश से हर व्यक्ति को अपना योगदान समाज के प्रति देना चाहिए। वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. जे. पी. नवानी ने कहा कि दिव्यांग लोगों को केवल विश्व विकलांगता दिवस के दिन ही नहीं, बल्कि हमेशा इतना ही महत्व दें। पद्म श्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि डॉ संजय और उनकी संस्था जो कार्य कर रही है, वह सराहनीय है। कार्यक्रम का संचालन योगेश अग्रवाल ने किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।