Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 22, 2024

भारत में चुनावी चंदा देने वालों की देखें सूची, उत्तरकाशी में टनल बनाने वाली कंपनी के साथ पाकिस्तान भी शामिल

चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक कर दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के हिसाब से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च 2024 को चुनाव आयोग (ईसीआई) को चुनावी बांड से संबंधित डेटा मुहैया करा दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग की वेबसाइट पर गुरुवार को डेटा अपलोड कर दिया गया। अब देखना ये भी है कि अपनी हैसियत से ज्यादा जिन कंपनियों ने चंदा दिया, क्या ईडी उनके यहां भी पहुंचती है।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कई विवादित कंपनियों के हैं नाम
वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड एसबीआई से प्राप्त डेटा को जस के तस अपलोड कर दिया गया है। इसमें सबसे रोचक बात ये है कि पाकिस्तान की एक कंपनी ने भी चुनावी चंदा राजनीतिक दल को दिया। हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि किस कंपनी ने किस दल को कितना चंदा दिया। वहीं, उत्तरकाशी में टनल हादसा सबको याद होगा। इस टनल को बनाने वाली नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लि. ने भी चुनावी बांड खरीदे। यही नहीं आनलाइन गेमिंग वाली कंपनी भी चंदा देने वालों में आगे है। इनमें फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज (1,368 करोड़ रुपये) दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूची में ऐसी कंपनियों के नाम भी हैं, जिनमें पहले ईडी के छापे पड़े। या फिर इन कंपनियों को ईडी के नोटिस मिले।  इसके बाद इन कंपनियों ने राजनीतिक दलों को करोड़ों का चंदा दिया। हालांकि, इस सूची में अडानी और अंबानी की कंपनियों के नाम नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि किसी दूसरी कंपनियों से जरिये चुनावी चंदा दिया गया हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों की सूची देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-B9GZ1lrjT3
चंदा लेने वाले दलों की सूची देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें nuJj2wfEpK

इन कंपनियों के भी हैं नाम
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज शामिल हैं। इसमें टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा सूची में चुनावी बॉन्ड के खरीदारों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा के नाम शामिल हैं। इनमें फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज (1,368 करोड़ रुपये) और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (966 करोड़ रुपये) ने सबसे ज्यादा कीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इन राजनीतिक दलों को मिला चंदा
इसके साथ ही चुनाव आयोग की ओर से साझा की जानकारी में बताया गया है कि इन बॉन्ड्स के जारिए भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस को धन मिला। सूची में द्रमुक, जद(एस), राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), राजद, आप और सपा के भी नाम हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पाकिस्तान की कंपनी ने भी दिया चंदा
इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स देखने पर एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है। डिटेल्स खंगालने पर पता चलता है कि कंगाल पाकिस्तान की एक पावर कंपनी ने भी भारतीय राजनीतिक दलों को चंदा दिया है। दरअसल, भारतीय दलों को चुनावी चंदा देने वाली ये पाकिस्तानी कंपनी बिजली उत्पादक यानी पावर प्रोड्यूसर के तौर पर पड़ोसी मुल्क में ऑपरेट करती है। कंपनी का नाम ‘हब पावर कंपनी लिमिडेट’ (HUBCO) है, जो पाकिस्तान की सबसे बड़ी पावर प्रोड्यूसर है। चुनाव आयोग के जरिए जो जानकारी अपलोड की गई है, उसमें हब पावर का नाम सामने आ रहा है। इस पाकिस्तानी कंपनी ने 18 अप्रैल 2019 को करीब 95 लाख रुपये का चंदा राजनीतिक दलों को दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इलेक्टोरल बॉन्ड डिटेल्स में ये भी चला पता
चुनाव आयोग के जरिए अपलोड किए गए डाटा को देखने से मालूम होता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, और सन फार्मा जैसी कंपनियां शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एसबीआई ने सौंपा था डेटा
एसबीआई ने मंगलवार शाम को उन संस्थाओं का विवरण चुनाव आयोग को सौंपा था, जिन्होंने चुनावी बॉन्ड खरीदे थे और राजनीतिक दलों ने उन्हें भुनाया था। शीर्ष अदालत के आदेश के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक बैंक द्वारा साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी थी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *