हरिद्वार हेट स्पीच केस में दूसरी गिरफ्तारी, यति नरसिंहानंद गिरी को उत्तराखंड पुलिस ने किया गिरफ्तार
1 min readहरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की थी। इस गिरफ्तारी को लेकर यति नरसिंहानंद ने पुलिस अफसरों को धमकी भी दी थी। उन्होंने कहा था-तुम सब मरोगे। नफरती भाषण देने के आरोपी धर्मगुरुओं में यति नरसिंहानंद भी शामिल हैं। हरिद्वार में धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर पुलिस वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
वसीम रिजवी की गिरफ्तारी के विरोध में कर रहे थे सत्याग्रह
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद स्थिता डासना मंदिर के परमाध्यक्ष यति नरसिंहानंद को उस समय पुलिस ने गिरफ्तार किया जब वह सर्वानंद घाट पर सत्याग्रह कर रहे थे। गिरफ्तारी के कुछ देर पहले उन्होंने डाक्टरों की राय पर जल ग्रहण कर लिया था। इस प्रकरण में दो दिन पूर्व गिरफ्तार किए गए उप्र शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका भी अदालत ने खारिज कर दी। रिजवी की गिरफ्तारी के विरोध में यति नरसिंहानंद सत्याग्रह कर रहे थे। शुक्रवार रात करीब नौ बजे पुलिस ने उन्हें सत्याग्रह स्थल से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि उनका सत्याग्रह जारी रहेगा। सर्वानंद घाट पर स्वामी अमृतानंद का सत्याग्रह जारी है।
दोहराई धर्म संसद की बात
इससे पहले दोपहर सत्याग्रह स्थल पर प्रतिकार सभा का आयोजन किया गया। इसमें जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। कहा, प्रतिकार सभा के बड़े स्वरूप की घोषणा प्रयागराज में माघ मेला स्थल पर की जाएगी। उन्होंने 22 और 23 जनवरी को अलीगढ़ में धर्म संसद करने की भी बात दोहराई। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने कहा कि संतों की मांग नहीं मानी गई तो 24 या 25 जनवरी को हरिद्वार में सत्याग्रह कर रहे संतों के समर्थन और सरकार के विरोध में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार की लापरवाही और कमजोरी के कारण देवभूमि के कुछ पर्वतीय जिलों में जनसांख्यिकीय बदलाव आ रहा है।
हेट स्पीच केस में दर्ज एफआईआर में 10 से अधिक लोगों के नाम हैं। इसमें नरसिंहानंद, जितेंद्र त्यागी और अन्नपूर्णा शामिल हैं। इससे पहले हरिद्वार एसएसपी ने गुरुवार को बताया था कि रिजवी को रुड़की के नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। रिजवी पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं।
पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई थी। याचिकाकर्ता ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती भाषणों की घटनाओं की एक एसआईटी द्वारा स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच’ कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था। गौरतलब है कि उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हिंदु साधुओं और अन्य नेताओं ने कथित तौर पर मुस्लिमों के खिलाफ हथियार उठाने और उनके कत्लेआम का आह्वान किया था। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के चलते ही अब इस मामले में गिरफ्तारी शुरू हो चुकी है।
वसीम रिजवी की गिरफ्तारी पर भड़के थे यति नरसिंहानंद
सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें पुलिस अधिकारी त्यागी को हिरासत में लेने वक्त नरसिंहानंद से सहयोग करने का अनुरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं। कार में बैठे यति नरसिंहानंद अधिकारियों से पूछते दिख रहे हैं कि त्यागी को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। अधिकारियों ने समझाया कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी की जा रही है।
नरसिंहानंद ने कहा था कि मैं तीनों मामलों में उनके साथ हूं। क्या उन्होंने अकेले ऐसा किया?” अधिकारियों ने नरसिंहानंद से कार से बाहर निकलने के लिए कहा ताकि वे गिरफ्तारी की प्रक्रिया को आगे बढ़ सकें। हालांकि, नरसिंहानंद अपनी बात पर अड़े रहे। अधिकारी उनसे कहते हैं कि त्यागी स्थिति को समझ रहे हैं। इस पर नरसिंहानंद ने जवाब देते हुए कहा कि लेकिन मैं नहीं। वह हमारे समर्थन से हिंदू बन गए हैं। अधिकारियों के बार-बार गुजारिश करने पर, नरसिंहानंद ने कहा-तुम सब मरोगे, अपने बच्चों को भी..।
धर्म संसद में विवादित भाषण देने का आरोप
बता दें कि धर्म संसद का आयोजन स्वामी नरसिंहानंग ने कराया था। इस सम्मेलन में वक्ता के रूप में हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंग गिरि और स्वामी आनंदास्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा शामिल हुए थे। वहीं बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय पर भी कई आरोप लगे हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह सिर्फ 30 मिनट ही कार्यक्रम में रुके थे। मुस्लिमों के खिलाफ विवादित भाषण पर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा कि मुनव्वर फारूकी को उन जोक्स के लिए दंडित किया गया, जो उन्होंने नहीं सुनाए थे, लेकिन विवादित बोल बोलने वाले धर्म संसद के उन सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
धर्म की रक्षा के लिए उठाएंगे शस्त्र
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साधु-संत कहते दिख रहे हैं कि धर्म की रक्षा के लिए वह शस्त्र उठाएंगे। अब मुस्लिम पीएम नहीं बनने देंगे। साथ ही वह मुस्लिम आबादी भी नहीं बढ़ने देंगे। धर्म की रक्षा के नाम पर साधुओं का यह विवादित भाषण तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं साध्वी अन्नपूर्णा भी कॉपी-किताब रखकर हाथ में शस्त्र उठाने की बात कहती दिख रही हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।