द्रौपदी डांडा में हुए एवलांच में लापता 25 लोगों की खोजबीन जारी, चार मृतकों में एवरेट विजेता सविता कंसवाल भी, देखें सविता की बायोग्राफी

दल में बतौर प्रशिक्षक शामिल एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल समेत चार की मृत्यु हो चुकी है। चार घायलों को रेस्क्यू कर उन्हें एडवांस कैंप में उपचार दिया जा रहा है। दल के आठ सदस्य सुरिक्षत हैं। बीते 32 सालों में उत्तराखंड में एवलांच की 16 बड़ी घटनाओं में 60 पर्वतारोहियों की जान जा चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शोक संतप्त हैं उत्तरकाशी के लोग
उत्तरकाशी जिले की सविता कंसवाल की मौत से क्षेत्र के लोग शोक संतप्त हैं। लोगों का कहना है कि लोंथरू गांव निवासी उभरती हुई पर्वतारोही एवेरेस्ट विजेता हमारी बेटी सविता कंसवाल ने माउन्ट एवेरेस्ट और उसके समकक्ष पर्वत चोटियों को फतह कर दुनिया मे हमारे उत्तरकाशी का नाम रोशन किया था। उसके निधन से लोगों में गहरा आघात पहुंचा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी साल मई माह में एवरेस्ट किया था फतह
लौंथरू गांव की सविता कंसवाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा कर उत्तरकाशी जिले के साथ ही राज्य का मान बढ़ाया था सविता ने नेपाल की एक एक्सपीडिशन कंपनी की मदद से तीन अन्य साथियों के साथ बीती 12 मई बृहस्पतिवार सुबह माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें सविता की बायोग्राफी
संघर्ष से भरा रहा जीवन
किसान परिवार में जन्मी सविता कंसवाल (25) का जीवन संघर्ष से भरा रहा है। चार बहिनों में सबसे छोटी सविता के पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी ने खेती बाड़ी से ही परिवार का पालन पोषण किया। सविता ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की। उन्हें बचपन से ही साहसिक खेलों का शौक रहा। सविता ने 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स किया। इसके कुछ समय बाद एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया। इससे पूर्व सविता गंगोत्री हिमालय क्षेत्र नामचीन चोटियों के साथ ही दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) भी फतह कर चुकी थीं। उसका सपना आठ हजार फीट से ऊंची सभी चोटियां फतह करने का था।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।