एसडीआरएफ ने रचा नया कीर्तिमान, माउंट गंगोत्री पीक को किया फतह, महिला इंस्पेक्टर ने संभाली इसकी कमान
![](https://loksaakshya.com/wp-content/uploads/2021/09/sdrf.png)
पर्वतारोहण मात्र एक अभियान नहीं, बल्कि यह प्राणपोषक, पुरस्कृत और जीवन बदलने वाला अनुभव हो सकता है। यह आम बात नहीं है, अपितु इसके लिए अदम्य साहस और कुछ कर गुजरने का जुनून अनिवार्य है। इस रोमांचित सफर में दृढ़ता व धैर्य दोनों आवश्यक है। उच्च ऊंचाई पर असहनीय ठंड, ऑक्सीजन की कमी, हिमस्खलन का खतरा जैसी कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इससे पार पाने के लिये शारिरिक और मानसिक दृढ़ता जरूरी है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए इस 17 सदस्यीय टीम का चयन भी किया गया था। गंगोत्री-I को समिट करने के लिए टीम को लगातार तीन दिवस तक खराब मौसम व बर्फबारी के कारण समिट कैम्प में ही इंतजार करना पड़ा। 29 सितम्बर 2021 को रात 12 बजकर 30 मिनट पर मौसम थोड़ा ठीक होते ही टीम के 11 सदस्यों ने समिट कैम्प से आरोहण शुरू किया व सुबह सवा आठ बजे गंगोत्री-I को सकुशल फतह कर उत्तराखंड पुलिस का झंडा फहराया।
उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक, एसडीआरएफ ने इस अभियान के माध्यम से एक नया कीर्तिमान रचा गया है। यह उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में पहली बार है कि पर्वतारोहण के ऐसे जोखिम भरे अभियान की कमान एक महिला इंस्पेक्टर अनिता गैरोला ने संभाली। इसके अतिरिक्त 11 सदस्यीय जिस पर्वतारोहण टीम ने गंगोत्री-I को समिट किया उनमे महिला आरक्षी प्रीति मल भी शामिल रही। उन्होंने किसी भी पीक को समिट करने वाली प्रथम महिला कर्मी होने का गौरव हासिल किया है। उत्तराखंड पुलिस का यह अभियान महिला सशक्तीकरण का अनूठा उदाहरण देता है। एसडीआर एफ का यह अभियान निश्चित रूप में प्रदेश की सभी नारीशक्ति में साहस एवं नई ऊर्जा का संचार करेगा। इस गौरवान्वित करने वाले पल में उन्होंने टीम को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।