घपले दर घपलेः 40 बढ़कर श्रमिकों की संख्या हुई 41, निर्माण कंपनी ने इमरजेंसी निकासी को किया नजरअंदाज
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सुरंग में भूस्खलन के बाद फंसे श्रमिकों को सातवें दिन भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। साथ ही इस मामले में एक एक कर घपले खुल रहे हैं। छह दिन तक शासन और प्रशासन यही मानकर चल रहा था कि भीतर 40 श्रमिक फंसे हुए हैं। अब सातवें दिन बताया जा रहा है कि श्रमिकों की संख्या 41 है। पूरे मामले में सुरंग निर्माण में लगी कंपनी की बड़ी चूक भी नजर आ रही है। कारण ये है कि सुरंग निर्माण के प्लान में निकासी इमरजेंसी की निकासी की व्यवस्था भी थी, लेकिन इस पर कोई कार्य नहीं किया गया। अब हालत ये हैं कि 17 नवंबर से एक बार फिर से रेस्क्यू के लिए सुरंग में डाले जा रहे पाइप का काम भी ठप हो गया है। कारण मशीन भी से खराब हो गई। वहीं, शुक्रवार की आधी रात को सुरंग में भूस्खलन के धमाकों जैसी आवाज भी सुनी गई। हालांकि, सभी श्रमिक सुरक्षित बताए जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसओपी में है ये व्यवस्था
12 नवंबर से ही चल रहे रेस्क्यू अभियान के बीच एक नक्शा सामने आया है, जो सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी की कथित गंभीर चूक की ओर इशारा कर रहा है। मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार, तीन किलोमीटर से अधिक लंबी सभी सुरंगों में आपदा के हालात में लोगों को बचने के लिए भागने का रास्ता होना चाहिए। नक्शा से ज्ञात हुआ है कि 4.5 किलोमीटर लंबी सिल्कयारा सुरंग के प्लान में भी बचकर निकलने के लिए एक मार्ग बनाया जाना था, लेकिन यह रास्ता बनाया नहीं गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्रमिकों की संख्या अब हुई 41
अभी तक लग रहा है कि सब कुछ हवा हवाई चल रहा है। सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद सुरंग के फंसे मजदूरों की संख्या पहले 38 बताई गई। फिर बाद में 40 बताई गई। अब सातवें दिन इस संख्या को 41 बताया जा रहा है। यानि कि निर्माण करने वाली कंपनी को भी सही स्थिति पता नहीं है कि भीतर कितने मजदूर हैं। सब कुछ हवा हवाई ही चल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मशीन ने किया काम बंद
अमेरिकी ऑगर मशीन से गत शुक्रवार दोपहर बाद ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया गया था। इसके बाद से अब तक मात्र 22 मीटर ही ड्रिल हो पाया है। बताया जा रहा है कि मशीन के कंपन से सुरंग में मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है। वहीं दरारें भी आई हैं। ड्रिलिंग के दौरान सुरंग में ढाई फुट व्यास का पाइप डाला जा रहा था। तर्क ये था कि इन्हीं पाइपों के भीतर से होकर फंसे श्रमिक बाहर निकलेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बार बार बदले जा रहे प्लान
फिलहाल प्लान बार बार बदले जा रहे हैं। अब सुरंग फंसे लोगों को बचाने के लिए सुरंग के ऊपर और साइड से भी ड्रिलिंग करने करने का प्लान है। इसके लिए कुछ मशीनें मंगाई गई है। इसमें ऊपर से अधिक मात्रा में खाना और साइड से उन्हें निकाला जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्रमिकों ने किया प्रदर्शन
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में देरी से साथी मजदूरों में आक्रोश है। शनिवार को मजदूरों ने सुरंग निर्माण से जुड़ी एनएचआईडीसीएल व निर्माण कंपनी नवयुगा के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कंपनी गरीब मजदूरों को नहीं बल्कि सुरंग बचाना चाहती है। इसी कारण मजदूरों को बाहर निकालने में देरी की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश की सभी सुरंगों की सुरक्षा ऑडिट कराए सरकार : धस्माना
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सुरंग निर्माण में सुरक्षा प्रबंधन, कानून व्यवस्था और निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। कहा, उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग के अंदर 40 मजदूर पिछले छह दिन से फंसे हैं। सुरक्षा के जो इंतजाम पहले किए जाने थे, वे नहीं थे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में सभी सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट कराया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम धामी की समीक्षा बैठक, पीएमओ से पहुंचे उपसचिव मंगेश घिल्डियाल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिलक्यारा पहुंचे हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।