सत्यपाल मलिक फिर से आए सुर्खियों में, हत्या की जताई आशंका, अमित शाह को लिखा पत्र, दी नतीजे भुगतने की चेतावनी
मेघालय और जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। इस बार उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए। साथ ही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। इसमें उन्हें भी चेतावनी दी गई है। साथ ही आशंका व्यक्त की कि उनकी हत्या हो सकती है। पूर्व राज्यपाल ने दावा किया है कि उनकी सुरक्षा में कटौती की गई है। सत्यपाल मलिक के अनुसार उनकी जेड प्लस (Z+) सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्हें पीएसओ (PSO) की सुरक्षा दी गई है, जो होली के बाद से उन्हें उपलब्ध नहीं हुई है। ऐसे में अब उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सत्यपाल मलिक ने अपने बयान में कहा कि जितने भी गवर्नर रिटायर्ड हुए हैं, उन सबके पास अभी तक सिक्योरिटी है। मेरी सिक्योरिटी लगभग पूरी तरह हटा ली गई है। मुझे केवल एक पीएसओ दिया गया है, वो भी तीन दिन से नहीं आ रहा है। मुझे बहुत खतरा है। खतरा इस लिए है कि जब वहां से 370 हटी तो मैं ही था। इसके अलावा मैंने असेंबली डिजॉल्व की थी। वहां मुझे जनरल्स ने बताया था कि आपकों पाकिस्तान से भी खतरा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो बार अमित शाह को लिखे पत्र
पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मैंने दो बार अमित शाह जी को पत्र लिखा है। मैंने दोनों बार लिखा है मुझे बहुत खतरा है और मेरी सिक्योरिटी नहीं घटाई जाए। होली के बाद से कोई नहीं आ रहा है। कल मैं एक पब्लिक मीटिंग में जा रहा हूं। तो वहां कोई आकर मार दे तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मारना तो अलग है मेरे पर ऐसा कोई प्रयास भी हुआ तो सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। मेरे पास सिक्योरिटी इस लिए नहीं है कि मैं किसानों के मसले पर बोलता हूं। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना पर बात करने की वजह से सुरक्षा में कटौती की गई है। बता दें कि सत्यपाल मलिक 2019 में जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल बने थे। इसके बाद पांच अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त कर दिए गए थे। तब जम्मू कश्मीर में दो केंद्र शासित प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में बना दिए गए थे। इसके बाद मलिक को पहले गोवा का फिर उसके बाद मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।