सतपाल महाराज ने अमित शाह को बताया कि क्यों जरूरी है हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, आपदाग्रस्त इलाकों के लिए अधिकारियों को दिए ये निर्देश
उत्तराखंड के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर गुरुवार को प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने उनसे शिष्टाचार भेंट की। अमित शाह के साथ भोजन के दौरान सतपाल महाराज के हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की अनिवार्यता के विषय में उनसे चर्चा की। कहा कि उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार में एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की नितांत आवश्यकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराज को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस संबंध में जो भी पत्रावली हो उसे उन्हें उपलब्ध करवायी जाए। सतपाल महाराज ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बताया कि उत्तराखंड और गुजरात का गहरा संबंध है। उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध की पत्नी और बाणासुर की पुत्री ऊषा, उत्तराखंड (हिमालय) की रहने वाली थीं। जब वह द्वारिका गई वह वहाँ पर उसने जमकर गर्भा नृत्य किया। जब उनसे पूछा गया कि उन्होने यह कहां से सिखा, तो उनका जवाब था कि यह नृत्य उन्होने अपनी माँ के गर्भ में ही सिखा था। तब से ही गुजरात के प्रमुख नृत्य का नाम “गर्भा नृत्य” पड़ा। महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की हवाई कनेक्टिविटी होनी बेहद जरूरी है ताकि अमेरिका, बैंकुवर, कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया से फ्लाइटें सीधी उत्तराखंड पहुंच सकें।
आपदाग्रस्त इलाकों में न हो गैस और ईंधन की कमीः सतपाल महाराज
तेज बारिश और बाढ़ से उत्तराखंड में आई आपदा से प्रभावित हुए इलाकों में गैस और ईंधन की किसी भी हालात में कमी न हो। साथ ही प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाए। यह बातें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर कहीं। साथ ही अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हर्षिल से लम्खाग पास होते हुए छितकुल हिमाचल की ट्रेकिंग पर लापता हुए 11 पर्यटकों के मामले की जांच कर सर्च ऑपरेशन में तेजी लाई जाए।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान के बीच कई स्थानों पर फंसे पर्यटकों व यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से काम किया जा रहा है। देवभूमि में पर्यटकों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। जबकि प्रभावित इलाकों में तेजी से राहत बचाव का कार्य किया जा रहा है और लोगों की हर संभव मदद की जा रही है। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित इलाकों में किसी भी हालात में गैस और ईंधन की कमी न हो।
इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के साहसिक खेलों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी लगाई जाए। साथ ही उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महाभारत, रामायण और विवेकानंद सर्किट जैसे विभिन्न सर्किटों के साथ अन्य सर्किटों का भी तेजी से प्रसार-प्रसार किया जाए। बैठक में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में शामिल कैरवान योजना पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विनी पुंडीर, निदेशक पर्यटन (अस्थापना) ले. कर्नल दीपक खंडूरी, वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, उप निदेशकयोगेंद्र सिंह गंगवार, अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद आदि मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।