गढ़वाली में सरस्वती वंदना, रचियता-शिक्षिका उषा सागर
आशीष अपणु मीथै भी दे देई
माता सरस्वती तू दैणी ह्वै जैई
ज्ञानकु भंडार माता त्वैमा भर्यूं चा
मेरु भी सारू माता त्वैमा धर्यूं चा
ज्ञान माता मीथै भी जरा तु देई
माता सरस्वती तू दैणी ह्वै जैई
अज्ञानी मूरख छौं मी बाळू त्यारो
मेरु भी त त्वैमा ही च माता सारो
अपणी दया कु हाथ मेरु मुंड मां धैरि देई
माता सरस्वती तू दैणी ह्वै जैई
पैड़ी लिखी मी भी त कुछ बणि जौंऊ
राली तेरी किरपा त सफल ह्वै जौंऊं
सफल मी ह्वै जौंऊं वरदान दे देई
माता सरस्वती तू दैणी ह्वै जैई
बड़ बड़ा ज्ञानी विज्ञानी तुमन बणैना
कालिदास वरदराज विद्वान ह्वै ग्यैना
विद्वान बणि जौं मी भी किरपा तु करि देई
माता सरस्वती तू दैणी ह्वै जैई
तेरु मन्दीर माता भी सजौंलू
ह्वैलि दया तेरी त गुरु बणुंलू
गुरु बणि जौं मी भी आशीष दे देई
माता सरस्वती तू दैणी ह्वै जैई
आशीष अपणु मीथै भी दे देई
कवयित्री का परिचय
उषा सागर
सहायक अध्यापक
राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय गुनियाल
विकासखंड जयहरीखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड।