संजीवनी दिवाली फेस्ट-2022 का शुभारंभ, स्थानीय उत्पादों के लगाए स्टाल, सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक संस्कृति की झलक

मुख्य अतिथि गुरमीत कौर ने कार्यक्रम में लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय उत्पादों के बारे में विस्तृत जानकारी भी ली। उन्होंने सिविल सर्विस ऑफ़िसर्स वाइव्स एसोसिएशन की सराहना करते हुए कहा कि संजीवनी दिवाली फेस्ट समाज सेवा का एक जरिया है। इसके माध्यम से यह लोग दूर-दराज पहाड़ों के उत्पादों को बढ़ावा एवं एक नया बाजार देने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कार्यक्रम में अधिकांश स्टॉल महिलाओं द्वारा लगाए गए हैं जो नारी सशक्तिकरण का उदाहरण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संजीवनी दिवाली फेस्ट में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों को स्टालों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। इसमे पौड़ी जिले में बने मँड़ुवे के बिस्कुट, पहाड़ी फलों जैसे माल्टा, संतरा के जूस, घरों में निर्मित अचार, नैनीताल जिले के स्थानीय उत्पादों, विकासनगर क्षेत्र में निर्मित स्टॉल, शॉल, मफलर, स्वेटर, उत्तरकाशी में निर्मित पंखी, पूजा आसान , पिथौरागढ़ जिले से ऐपण डिजाइन साड़ियाँ, एवं तांबे के बर्तन, जोशीमठ की राजमा, पहाड़ी अंजीर के उत्पाद, रिंगाल के उत्पाद, हाथ से बनी मोमबत्ती, मिट्टी के बर्तन, दिए, रिंगाल के उत्पादों , गाय के गोबर से बने उत्पाद, पेंटिंग, साथ ही हरिद्वार में दिव्यांजन बच्चों द्वारा निर्मित सजावट सामग्री, मोमबत्ती आदि के विशेष उत्पादों को जगह दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संस्था की अध्यक्ष डॉ. हरलीन कौर संधु ने बताया कि इस मेले में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉल आदि लगाए गए हैं। संजीवनी की ओर से आयोजित इस मेले का उद्देश्य प्रदेश के शिल्पकार, काश्तकार, कारीगरों, एवं लघु उद्यमियों मंच प्रदान करना है। ताकि उनकी बनी हुई वस्तुओं एवं कलाकृतियों को एक बाजार उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि संजीवनी संस्थान द्वारा धारचूला आपदा के दौरान 57 परिवारों को मदद पहुंचाई गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संजीवनी संस्था की सचिव श्रीमती रश्मि बर्द्धन ने कहा कि इस मेले में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में पाए जाने वाले जैविक उत्पाद, स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित पारम्परिक वस्तुकला पर आधारित उत्पाद, हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादो को एक मंच देने का कार्य किया जा रहा है। इसके माध्यम से स्थानीय उत्पादों को उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश विदेश में अलग पहचान मिले। उन्होंने कहा इस मेले का उद्देश्य लोगों को रोजगार से जोड़ने, एवं समाज सेवा के कार्यों को आगे बढ़ाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संजीवनी संस्था की उपाध्यक्ष डॉ. अलकनंदा अशोक ने कहा कि बीते 3 वर्षों से संजीवनी संस्थान द्वारा इस तरह के मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसमें हमेशा समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के मकसद से कार्य किया जाता रहा है। उन्होंने कहा आने वाले समय में हम इस मेले को और भव्य एवं दिव्य रूप देने की कोशिश करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संजीवनी संस्था की कोषाध्यक्ष श्रीमती अंजलि सिन्हा ने कहा कि इस बार मेले में ऐपण साड़ियाँ, अल्मोड़ा, बागेश्वर के तांबे के बर्तन, जोशीमठ की राजमा, पहाड़ी अंजीर के उत्पाद, रिंगाल के उत्पाद, हाथ से बनी मोमबत्ती, मिट्टी के बर्तन, दिए, गाय के गोबर से बने उत्पाद, खुर्जा आदि के विशेष उत्पादों को जगह दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उल्लेखनीय है कि संजीवनी उत्तराखंड के सिविल सेवा अधिकारियों की पत्नियों द्वारा संचालित एक संस्था है। संस्था द्वारा समय समय पर उत्तराखण्ड राज्य के सामाजिक उत्थान की दिशा में विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इसी क्रम में संजीवनी संस्था द्वारा लगातार पिछले 3 सालों से संजीवनी दिवाली फेस्ट का आयोजित भी किया जा रहा है। इस दौरान अंशु पांडे, अनुराधा सुधांशु, आकांक्षा सिन्हा, मथानी फैनई, गुंजन यादव, हरिका राजेश, रजनी तोमर, शिखा पांडे, विनीता कुंवर एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।