उत्तराखंड में साइकिल की स्पीड बढ़ाने की तैयारी में सपा, घोषित की प्रदेश कार्यकारिणी
2022 में विधानसभा के चुनाव में उत्तराखंड में अपनी पकड़ बनाने के लिए समाजवादी पार्टी ने भी कसरत शुरू कर दी है। इसके तहत अब प्रदेश की कार्यकारिणी घोषित कर दी गई। खोया हुआ जनाधार को दोबारा कायम करना भी सपा के लिए चुनौती होगा।
उत्तराखंड राज्य के गठन से पहले समाजवादी पार्टी का कुछ आधार उत्तराखंड में था। आंदोलन के दौरान जब उत्तराखंड में खटीमा, मसूरी गोलीकांड हुए और रामपुर तिराहे में दिल्ली रैली में शामिल होने जा रहे आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाई गई तो सपा की छवि एक विलैन के रूप में बन गई। तब यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। राज्य की मांग को लेकर जो आंदोलन केंद्र सरकार के खिलाफ होना था, वह कुछ समय के लिए भटकर यूपी की सपा सरकार के खिलाफ मुड़ गया।
नतीजा ये हुआ कि राज्य बनने के बाद हुए चार विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल सकी। हांलाकि 2004 के लोकसभा चुनाव में सपा ने हरिद्वार सीट पर राजेंद्र बाडी के रूप में अपना खाता खोला। राज्य गठन से पहले आंदोलन के दौरान सपा ने 1996 में प्रदेश की तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। तब 22 सीटों पर सपा ने चुनाव लड़ा था।
राज्य बनने के बाद सपा का जनाधार खिसकता चला गया। विधानसभा चुनावों में उसे लगातार हार का मुंह देखना पड़ा। अब सपा ने फिर से जनाधार को हासिल करने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। अब देखना ये है कि इसमें सपा को कितनी कामयाबी मिलती है।

घोषित की प्रदेश कार्यकारिणी
उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी ने प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। सपा की इस कार्यकारिणी में 45 सदस्य होंगे, जिनमें तीन उपाध्यक्ष, एक प्रमुख सचिव, दो महासचिव, एक मुख्य प्रवक्ता, तीन प्रवक्ता, 20 सचिव, पांच सदस्य, पांच विशेष आमंत्रित सदस्य, कोषाध्यक्ष और एक पदेन सदस्य शामिल हैं। कार्यकारिणी की घोषणा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष एसएन सचान ने अन्य राजनीतिक दलों को भी आड़े हाथ लिया।
भाजपा व कांग्रेस को जमकर कोसा
प्रदेश अध्यक्ष एसएन सचान ने उत्तराखंड में शासन करने वाली कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही जमकर कोसा। कहा कि सालों में कांग्रेस और भाजपा सरकार ने जो उत्तराखंड की जनता को धोखा दिया है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण, पलायन, रोजगार के सकारात्मक मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। इसी कड़ी में नवंबर के पहले हफ्ते में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2012 से 2017 तक जो उत्तर प्रदेश को दिया उसको उत्तराखंड मे लागू किए जाने की बात जन-जन तक पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के पर्यटन को विश्व स्तर पर विकसित करने का मॉडल कैसा हो यह भी सामने लाया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।