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December 13, 2024

रूसी सेना ने यूक्रेन में मचाई भारी तबाही, परमाणु ऊर्जा संयंत्र में लगी आग, सुमी में फंसे हैं सैकड़ों छात्र, भारत के प्रयास तेज

रूसी सेना यूक्रेन में भयंकर तबाही मचा रही है। हमले में यूक्रेन के प्रमुख परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लग गई है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला बंद करने का आह्वान किया।

रूसी सेना यूक्रेन में भयंकर तबाही मचा रही है। हमले में यूक्रेन के प्रमुख परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लग गई है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला बंद करने का आह्वान किया। वहीं खारकीव के अधिकतर हिस्सों पर रूस का नियंत्रण हो चुका है। वहां पर जान-माल को काफी नुकसान पहुंचा है। कई इमारतों और वाहनों को काफी क्षति पहुंची है।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने पुतिन से की बात
फ्रांस के राष्‍ट्रपति एमेनुअल मैकरॉन का मानना है कि रूस-यूक्रेन में अभी यूक्रेन में सबसे बुरा दौर अभी आना है। मैकरॉन की यह राय अपने रूसी समकक्ष व्‍लादिमीर पुतिन से करीब 90 मिनिट की बातचीत के बाद आया। फ्रांस के राष्‍ट्रपति के एक सहयोगी ने कहा कि बातचीत के दौरान पुतिन ने पूरे देश पर कब्‍जे का इरादा जताया।
भारतीयों को लाने की कोशिश तेज
केंद्र सरकार ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। सरकार ने गुरुवार को यूक्रेन के खारकीव शहर में रह रहे भारतीय नागरिकों से एक फॉर्म भरने की अपील की ताकि निकासी के काम में तेजी लाई जा सके। सूत्रों ने बताया कि खारकीव अब व्‍यावहारिक तौर पर रूस के नियंत्रण में है और रूसी शहर से भारतीयों को बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं।
यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने की धीमी गति को लेकर विपक्ष की आरोपों के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि पिछले 24 घंटों में 15 फ्लाइट्स से 3000 भारतीयों को इस युद्ध प्रभावित देश से निकाला गया है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के निकासी कार्यक्रम के तहत स्‍टूडेंट की वापसी के लिए और फ्लाइट्स शेड्यूल की जा रही हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पहला परामर्श जारी होने के बाद से युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमा से 18 हजार भारतीय निकल गए हैं।
दिल्ली के अभी भी फंसे हैं 579 लोग
दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के 579 लोग अब भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं और यहां के 299 लोगों को वापस लाया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि शाम तक जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और उपमंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) समेत जिला प्राधिकारियों ने उन 606 छात्रों के आवास का दौरा किया, जिन्हें यूक्रेन से निकाला गया है या जो अब भी वहां फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि 624 लोगों के परिवारों से फोन पर संपर्क किया गया और मदद की पेशकश की गयी।
हरियाणा के 683 छात्रों को लाए वापस
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बृहस्पतिवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे राज्य के 1,701 छात्रों में से 683 को भारत वापस लाया गया है। उन्होंने कहा कि बाकी छात्रों को भी सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। केंद्र सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों, जिनमें अधिकतर छात्र हैं, को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चला रही है।
उत्तराखंड के 86 लोग आ चुके हैं वापस
यूक्रेन से उत्तराखंड के लोगों का घर वापसी का सिलसिला भी जारी है। अभी तक उत्तराखंड के 287 लोगों की सूचना प्राप्त हो चुकी है, जो यूक्रेन और उसके आस-पास के देशों में फंसे हैं, जिनमें से 86 सकुशल घर वापस लौट चुके हैं। इस बीच मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्र एवं अन्य नागरिकों के परिजनों से लगातार संपर्क स्थापित करते हुए जानकारी शासन एवं दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय को शीघ्र से शीघ्र साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान एमईए को शीघ्रता से किया जाए। ताकि यूक्रेन छात्रों और अन्य नागरिकों को शीघ्रता से निकाला जा सके।
दो पूर्व सोवियत गणराज्यों का ईयू की सदस्यता को आवेदन
रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष के मद्देनजर, दो पूर्व सोवियत गणराज्यों जॉर्जिया और मोल्दोवा ने यूरोपीय संघ (EU) की सदस्यता के लिए आवेदन किया है। यूक्रेन के यह कहने कि वह ब्लॉक के लिए फास्ट-ट्रैक सदस्यता की मांग कर रहा है के दो दिन बाद यह मामला सामने आया। जॉर्जिया के प्रधानमंत्री इराकली गैरीबाशविली ने कहा कि पूर्व सोवियत गणराज्य जॉर्जिया ने यूरोपीय संघ में सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से एक आवेदन पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत ने हिंसा और युद्ध की तत्काल समाप्ति का किया आह्वान
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, भारत ने यूक्रेन में हिंसा और युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हुए युद्धग्रस्त यूरोपीय देश में लोगों के मानवाधिकारों के सम्मान तथा संरक्षण और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में सुरक्षित मानवीय पहुंच का बृहस्पतिवार को आह्वान किया। भारत ने जिनेवा में 49वें मानवाधिकार परिषद सत्र में यूक्रेन में मानवाधिकार की स्थिति के बारे में बृहस्पतिवार को चर्चा में कहा, ‘हम यूक्रेन में लगातार बिगड़ती मानवीय स्थिति से बहुत चिंतित हैं।’ भारत ने हिंसा और युद्ध की तत्काल समाप्ति का आह्वान किया। वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह युद्ध के बाद यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए काम करेंगे। हमारे पास अपनी स्वतंत्रता के अलावा खोने के लिए कुछ भी नहीं है।
क्वाड समूह की बैठक में की गई चर्चा
क्वाड समूह के देशों की गुरुवार को एक बैठक हुई, जिसमें यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति और मानवता पर उसके प्रभावों पर भी चर्चा की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोनों देशों को वार्ता और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की आवश्यकता पर जोर दिया। डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी शामिल हुए।
क्वाड चार देशों का संगठन है। इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। ये चारों देश विश्व की बड़ी आर्थिक शक्तियां हैं। 2007 में, जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग या क्वाड का औपचारिक रूप दिया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘बैठक में यूक्रेन की स्थिति और इसके मानवता पर प्रभावों पर भी चर्चा की गई।’ बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने दोनों देशों से वार्ता व कूटनीति की ओर लौटने की भारत की अपील दोहराई।
पीएमओ ने कहा कि चारों नेताओं ने दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान, हिंद महासागर क्षेत्र और प्रशांत द्वीपों की स्थिति सहित अन्य प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व अखंडता के सम्मान पर जोर देते हुए इनके महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में कहा कि क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के अहम उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए। पीएमओ के अनुसार क्वाड नेताओं ने इस साल जापान में होने वाली शिखर वार्ता में ठोस नतीजे हासिल करने के उद्देश्य के साथ सहयोग तेज करने पर सहमति जताई।
जेलेंस्की का पुतिन से सीधी बातचीत का आह्वान
यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्‍की (Ukraine President Volodymyr Zelensky) ने गुरुवार को पश्चिमी देशों का आह्वान करते हुए कहा है कि यूक्रेन की सैन्‍य सहायता को बढ़ाया जाए, अन्‍यथा रूस यूरोप के अन्‍य हिस्‍सों में आगे बढ़ेगा। जेलेंस्‍की ने एक संवाददाता सम्‍मेलन में कहा कि यदि आप में आसमान को बंद करने की शक्ति नहीं है तो मुझे विमान दे दें। उन्‍होंने कहा कि अगर हम नहीं रहे तो भगवान न करे लातविया, लिथुआनिया, एस्टोनिया अगले न हों, मेरा विश्‍वास करें। साथ ही उन्होंने रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन के साथ सीधी बातचीत का आह्वान करते हुए कहा, यह युद्ध रोकने का एकमात्र तरीका है।
उन्होंने पुतिन को संबोधित करते हुए कहा कि हम रूस पर हमला नहीं कर रहे हैं और हमारा उस पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। आप हमसे क्या चाहते हैं? हमारी जमीन छोड़ दें।” यूक्रेनी नेता ने कहा, “मेरे साथ बैठो, उनकी तरह (फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन) 30 मीटर दूर नहीं। जेलेंस्‍की ने कुछ हफ्ते पहले यूक्रेन के लोगों को अमेरिका के उन आरोपों पर शांत करने की कोशिश की थी कि रूस उनके देश पर हमला करने की योजना बना रहा है। जेलेंस्‍की ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि आधुनिक दुनिया में एक आदमी एक जानवर की तरह व्यवहार कर सकता है।
पुतिन ने पिछले हफ्ते यूक्रेन पर हमला शुरू किया था। रूस का कहना है कि वह व्यापक सबूतों के बावजूद असैन्‍य इलाकों को निशाना नहीं बना रहा है। यूक्रेन ने बुधवार को कहा कि उत्तरी शहर चेर्नीहीव में रूसी विमानों ने एक स्कूल को टक्कर मार दी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई। कीव ने कहा कि पुतिन के हमले के बाद से अब तक 350 नागरिकों की मौत हो चुकी है।
भारत ने फिर जारी की एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। सरकार ने गुरुवार को यूक्रेन के खारकीव शहर में रह रहे भारतीय नागरिकों से एक फॉर्म भरने की अपील की ताकि निकासी के काम में तेजी लाई जा सके। सूत्रों ने बताया कि खारकीव अब व्‍यावहारिक तौर पर रूस के नियंत्रण में है और रूसी शहर से भारतीयों को बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं।
भारत के बुधवार को कई एडवाइजरी जारी कर खारकीव में रह रहे भारतीयों को स्‍थानीय समयानुसार शाम 6 बजे तक शहर छोड़ने और नजदीकी कस्‍बों पिशोचिन, बाबई और बेंजिलडिवका पहुंचने को कहा था। यह भी कहा था कि जिन लोगों को ट्रांसपोर्ट का कोई साधन न मिले वे ऐसी स्थिति में पैदल ही आगे बढ़ें। दूतावास के ट्विटर हैंडल पर आज शाम किए गए ट्वीट में कहा गया है, ‘पिशोचिन को छोड़कर खारकीव में रहने वाले सभी भारतीयों, कृपया तत्‍काल आधार पर फॉर्म में मांगी गई जानकारियों को भरें। ‘मांगे गए विवरण में नाम, पता, पासपोर्ट नंबर और निकाले जाने वाले अतिरिक्‍त लोगों की संख्‍या की जानकारी शामिल है।
सुमी में फंसे हैं छह सौ से ज्यादा छात्र
यू्क्रेन की उत्तर-पूर्वी सीमा पर रूस से लगते इलाके सुमी (Sumy) में लगभग 600-700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। जहां कीव और खारकीव से भारतीय छात्रों को निकालने पर भारतीय दूतावास के अधिकारियों का ज़ोर रहा, वहीं सुमी में फंसे हुए छात्र रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच खुद को बेहद असहाय महसूस कर रहे हैं। सुमी में फंसे हुए छात्रों ने कहा कि यहां पर कैसा माहौल है केवल हम जानते हैं। यहां माइनस का तापमान है। यहां ऐसे माहौल में 15-20 किलोमीटर चलकर जाना बहुत मुश्किल है। यह कैसे संभव है? कोई नहीं समझ रहा है कि यहां कैसे हालात हैं? उन्होंने कई बार दूतावास को कॉल किया लेकिन कोई उत्तर नहीं है। हमारे मां-बाप रो रहे हैं। सभी असहाय महसूस कर रहे हैं। सात दिन से हम यहां सुमी में फंसे हुए हैं लेकिन हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है।
इससे पहले एक छात्र ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि सुमी में पिछले 6 दिन से बहुत से छात्र फंसे हुए हैं। जो अलग-अलग राज्यों से हैं। यहां से हंगरी और पोलैंड 1200 किमी दूर हैं। यहां से रेलवे के ट्रैक भी खराब हैं। सुमी के बारे में अभी तक कोई अपडेट नहीं है। यहां हमने सुना है कि सड़क पर बारूदी सुरंगे बिछाई हुई हैं, जिसे सुन कर हम बहुत डर गए हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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