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December 13, 2024

यूक्रेन की राजधानी कीव के करीब पहुंची रूसी सेना, बढ़ाया प्रतिबंध का दायरा, यूएस राष्ट्रपति ने दी चेतावनी, भारत का सख्त रुख

रूस और यूक्रेन में तनाव कम होता नहीं दिख रहा। रूसी सेना का यूक्रेन पर शिकंजा कसता जा रहा है। राजधानी कीव में धमाकों की आवाज सुनाई देने लगी है।

रूस और यूक्रेन में तनाव कम होता नहीं दिख रहा। रूसी सेना का यूक्रेन पर शिकंजा कसता जा रहा है। राजधानी कीव में धमाकों की आवाज सुनाई देने लगी है। ऐसे में दुनिया के कई देशों रूस पर लगाम लगाने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों की चोट कर रहे हैं। वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन टस से मस नहीं हो रहे। जहां हर रोज रूस के खिलाफ रोजाना कोई न कोई सख्त फैसला लिया जा रहा है। इसी बीच अमेरिका अब रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाने में लगा है, ताकि किसी भी सूरत में बिगड़ती अर्थव्यस्था का असर रूस पर और ज्यादा हों और उसका रूख कुछ नरम पड़े। वहीं, भारत का यूएन मीटिंग में सख्त रुख देखा गया है।
कीव के निकट वहीं रूसी सेना
यूक्रेन की राजधानी कीव में धमाकों की आवाज सुनी गई। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी के करीब पहुंच गई। कीव में सीएनएन ने आज सुबह के शुरुआती घंटों में विस्फोटों की सुनवाई की सूचना दी। यूक्रेनी राजधानी के बाहरी इलाके में लड़ाई जारी है। शहर के प्रशासन का कहना है कि उत्तर का इलाका सबसे खतरनाक माना जा रहा है। शहर के पूर्व में, नीपर नदी के पार, ब्रोवरी में भी लड़ाई तेज हो गई है।
मेलिटोपोल के मेयर का अपहरण
यूक्रेन की संसद ने ट्विटर पर कहा कि 10 कब्जाधारियों के एक समूह ने मेलिटोपोल के मेयर इवान फेडोरोव का अपहरण कर लिया। शुक्रवार देर रात एक वीडियो संदेश में, ज़ेलेंस्की ने अपहरण की पुष्टि की। उनके अनुसार, फेडोरोव ने शहर पर कब्जा करने वाली रूसी सेना के साथ सहयोग करने से मना कर दिया था। जिसके बाद उन्हें सिटी क्राइसिस सेंटर में हिरासत में लिया गया था।
पोलिस समर्थन की प्रशंसा
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रूस के आक्रमण के खिलाफ पोलिश समर्थन की प्रशंसा की। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने पोलिश समकक्ष आंद्रेज डूडा और पोलिश लोगों को एक संदेश में कहा, “जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो आपको चोट पहुँचाता है, तो किसी ऐसे व्यक्ति का होना बहुत ज़रूरी है जो आपके लिए अपना कंधा पेश करे।
ब्रिटेन सरकार ने उठाया ये कदम
ब्रिटेन की सरकार ने रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा के 386 सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ड्यूमा के इन सभी सदस्यों ने रूस द्वारा यूक्रेन के लुहांस्क और दोनेत्स्क प्रांतों को स्वतंत्र गणराज्य के रूप में मान्यता देने में अहम भूमिका अदा की थी। ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने इन प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा कि इसके तहत रूसी सांसदों को ब्रिटेन की यात्रा करने, ब्रिटेन में अपनी संपत्ति का उपयोग करने और कारोबार करने की मनाही होगी।
रासायनिक हथियारों की चुकानी पड़ेगी भारी कीमत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि रूस को रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस से अमेरिका नहीं लड़ेगा क्योंकि नाटो और मास्को के बीच सीधा टकराव से तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो जाएगी। बाइडन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि हम यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहना और सटीक संदेश भेजना जारी रखेंगे। हम अमेरिका की पूरी शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करेंगे और नाटो की मदद करेंगे।
ईरान के समझौते को लेकर बातचीत कुछ समय रोकने की जरूरत
यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति प्रमुख ने कहा कि विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते को लेकर चल रही बातचीत को कुछ समय के लिए रोकने की जरूरत है। विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने देरी के लिए बाहरी कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिका और अन्य विश्व शक्तियों के बीच 2015 में ईरान ने एक समझौता किया था, जिसके तहत उसने अपना परमाणु कार्यक्रम को सीमित किया था।
यूएन की बैठक में भारत का रुख
रूस ने यूक्रेन में जैविक प्रयोगशालाओं के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलायी, जिस पर भारत ने कहा है कि जैविक और विषाक्त हथियार कन्वेंशन के तहत दायित्वों से जुड़े विषयों को संबद्ध पक्षों के बीच परामर्श एवं सहयोग के जरिये सुलझाया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि हमने यूक्रेन में मौजूद स्थिति पर बार-बार गंभीर चिंता व्यक्त की है।
यूक्रेन के जैविक कार्यक्रमों की रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को उन्होंने कहा कि भारत ने संबंधित देशों के हालिया बयानों और यूक्रेन से संबंधित जैविक गतिविधियों के बारे में व्यापक जानकारी पर गौर किया है। तिरुमूर्ति ने कहा कि इस संदर्भ में हम जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन को एक प्रमुख वैश्विक और गैर-भेदभावपूर्ण निरस्त्रीकरण सम्मेलन के रूप में भारत द्वारा दिए गए महत्व को रेखांकित करना चाहते हैं, जो जनसंहार के हथियारों की एक पूरी श्रेणी को प्रतिबंधित करता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन के तहत सही भावना और दृष्टिकोण के साथ इसके प्रावधानों को लागू किया जाना चाहिए।
आर्थिक प्रतिबंधों का दौर जारी
यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों का दौर जारी है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य G7 देशों ने शुक्रवार को रूस पर अपने आर्थिक प्रतिबंधों को और बढ़ा दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका सहित अन्य देशों की ओर से सामूहिक रूप से नई कार्रवाइयां अब रूसी अर्थव्यवस्था को और अधिक प्रभावित करेंगी। बता दें कि रूस का यूक्रेन पर हमले के बाद से रूसी रूबल और शेयर बाजार पर काफी बुरा असर पड़ा है। रूस के व्यापार विशेषाधिकारों पर भी प्रतिबंध लगाने की चर्चा भी तेज है।
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, बाइडेन ने कहा है कि हमारे प्रतिबंधों से रूसी अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक असर पड़ा है। रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में कई चीजें शामिल हैं। इनमें रूस को निर्यात होने वाले वो सामान शामिल हैं, जिन्हें रूस का उच्च वर्ग उपयोग में लाता है। इसके साथ ही यूरोपीय संघ रूस से लौह और इस्पात क्षेत्र के सामान के आयात पर भी प्रतिबंध लगाएगा।
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यूरोपीय संघ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक सहित प्रमुख बहुपक्षीय संस्थानों के रूस के सदस्यता अधिकारों को निलंबित करने और क्रिप्टो-परिसंपत्तियों के उपयोग पर नकेल कसने के लिए भी काम कर रहा है। वाणिज्य विभाग ने कहा कि रूस और उसके सहयोगी बेलारूस को लक्जरी एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इनमें घड़ियां, वाहन, कपड़े, शराब और गहने शामिल हैं। यह प्रतिबंध रूस पर तुरंत ही प्रभावी हो जाएंगे। अमेरिकी कांग्रेस को रूस की ट्रेड स्टेटस को रद्द करने के लिए कानून पारित कराना होगा। इसको लेकर सांसद इस दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूसी सी फूड, वोदका और हीरे के आयात पर भी प्रतिबंध की घोषणा की है।
नाटो और मास्को के बीच सीधे टकराव से तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि रूस रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की भारी कीमत चुकाएगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस से अमेरिका नहीं लड़ेगा क्योंकि नाटो और मास्को के बीच सीधा टकराव से तृतीय विश्व युद्ध की शुरुआत हो जाएगी। रूस द्वारा यूक्रेन के दोनेत्सक और लुहान्स्क को स्वतंत्र क्षेत्रों के रूप में मान्यता देने के तीन दिन बाद रूसी सेना ने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था।
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि हम यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहना और सटीक संदेश भेजना जारी रखेंगे। हम अमेरिका की पूरी शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करेंगे और नाटो की मदद करेंगे। उन्होंने कहा हम यूक्रेन में रूस के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेंगे। नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव होने पर तृतीय विश्व युद्ध छिड़ जाएगा। यह कुछ ऐसा होगा, जिसे हमें रोकने का प्रयास करना चाहिए।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) 30 देशों का समूह है, जिसमें उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय देश शामिल हैं। बाइडेन ने कहा कि रूस कभी भी यूक्रेन में जीत हासिल नहीं कर पाएगा। बाइडेन ने कहा कि उन्हें (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन) बिना किसी लड़ाई के यूक्रेन पर हावी होने की उम्मीद थी, वह नाकाम रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पुतिन नाटो को तोड़ने और कमजोर करने के अपने कथित प्रयास में भी विफल रहे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर दुनिया एकजुट हैं। बाइडेन ने कहा कि हम यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े हैं। हम निरंकुश शासकों को दुनिया की दिशा तय नहीं करने देंगे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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