यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से मांगा समर्थन, रूस ने भारत के रुख को सराहा
रूस से घमासान जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की। साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से राजनीतिक समर्थन मांगा। वहीं, सुरक्षा परिषद में भारत के रुख की रूस ने सराहना की।
जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी को एक लाख से ज्यादा सैनिकों के साथ रूसी सेना के हमले के बारे में बताया। वहीं भारत में रूसी मिशन ने ट्वीट कर भारत के स्वतंत्र और संतुलित रुख को बेहद सराहनीय बताया। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, पीएम मोदी ने यूक्रेन में छात्रों समेत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता बातचीत में व्यक्त की। उन्होंने भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए यूक्रेनी प्रशासन से त्वरित सहायता मांगी।
भारत ने चीन और यूएई की तरह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में निंदा प्रस्ताव के दौरान मतदान नहीं किया था, जबकि 11 सदस्यों ने रूस के खिलाफ वोटिंग की थी। रूस ने सुरक्षा परिषद में भारत के रुख की सराहना की है। प्रधानमंत्री मोदी की इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से बातचीत हो चुकी है।
गौरतलब है कि भारत ने यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस की निंदा वाले प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया था। समाधान का कोई रास्ता निकालने और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा देने के लिए सभी पक्षों तक संपर्क का विकल्प खुला रखा है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार कहा कि भारत ने प्रस्ताव पर मतदान तो नहीं किया है, लेकिन साथ ही देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान भी किया। उसने हिंसा व शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की मांग की। भारत की ये टिप्पणियां रूसी हमले की तीखी शब्दों में आलोचना को दर्शाती हैं।
इससे पहले यूक्रेन ने सुरक्षा परिषद में भारत के रुख को लेकर परोक्ष तौर पर प्रतिक्रिया दी थी। उसने कहा था, यूएन में ये प्रस्ताव यूक्रेन में आपके नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। इसके लिए आपको युद्ध रोकने के प्रस्ताव पर सबसे पहले मतदान करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में यूक्रेन के दूत सर्गेई किस्लित्स्या का इशारा भारत की ओर समझा जा रहा है। भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले का विरोध करने वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। अमेरिका की अगुवाई में प्रस्ताव पर मतदान के बाद यूक्रेन के राजदूत ने कहा मैं दुखी हूं। कुछ मुट्ठीभर देश अब भी हमले को सहन कर रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।