यूक्रेन मामले में रूस ने लगाया वीटो, भारत, चीन और यूएई ने वोटिंग से किया परहेज
रूस के यूक्रेन पर किए गए हमले में भारत ने तटस्थ रुख अपनाया हुआ है। भारत ने हमले की निंदा तो की, लेकिन संयुक्त सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की।
रूस के यूक्रेन पर किए गए हमले में भारत ने तटस्थ रुख अपनाया हुआ है। भारत ने हमले की निंदा तो की, लेकिन संयुक्त सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की। वोटिंग न करने वालों में भारत के साथ चीन और यूएई भी हैं। यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को चर्चा के दौरान रूस ने उस प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की गई थी। साथ ही रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की गई थी। रूस से इस कदम की अपेक्षा पहले से ही की जा रही थी। यूएनएससी (UNSC) के 15 सदस्यों में से ग्यारह ने रूस के खिलाफ पेश प्रस्ताव में पक्ष में मतदान किया। इसमें संयुक्त राज्य और अल्बानिया की ओर से सह-लिखित मतदान किया। चीन, भारत और यूएई ने वोटिंग से परहेज किया। हालांकि, भारत ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की। साथ ही बातचीत के जरिये समाधान निकालने पर जोर दिया।परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में मास्को की वीटो शक्ति के कारण रूस के खिलाफ यह प्रस्ताव विफल रहा। बावजूद इसके सुरक्षा परिषद में इस बहस ने पड़ोसी यूक्रेन पर हमला करने के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले की निंदा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा कि मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि रूस, आप इस प्रस्ताव पर वीटो लगा सकते हैं, लेकिन आप हमारी आवाज पर वीटो नहीं लगा सकते। आप सच्चाई को वीटो नहीं कर सकते. आप हमारे सिद्धांतों को वीटो नहीं कर सकते। आप यूक्रेनी लोगों को वीटो नहीं कर सकते।
वोटिंग से पहले, थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमला इतना दुस्साहसिक और इतना बेशर्मपूर्ण है कि यह हमारी अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के लिए एक बड़ा खतरा है। जैसा कि हम जानते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है कि इसे हम बहुत दूर से न देखें। हमारा दायित्व है कि कम से कम इस पर हम आपत्ति तो करें।




