वाहनों की फिटनेस टेस्ट के नियम किए आसान, अब किसी भी राज्य में करा सकेंगे टेस्ट
वाहनों के फिटनेस टेस्ट में होने वाली परेशानियों को देखते हुए सरकार अब नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है।
अब नियमों में जो बदलाव किया गया है, इसमें ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों की मान्यता, लाइसेंसिंग और नियंत्रण से जुड़े नियम शर्तों को बदला गया है। इसके तहत फिटनेस टेस्टिंग स्टेशनों की स्थापना से जुड़े नियमों को आसान बनाया गया है। फिटनेस टेस्ट के परिणामों को भी स्वचालित बनाया गया है, ताकि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी या हेरफेर की कोई गुंजाइश न रहे। फिटनेस टेस्ट में सीधे वाहनों की जांच के संकेतों को मशीन द्वारा पकड़ते हुए सर्वर तक भेजे जाएंगे।
एक राज्य में किसी वाहन का रजिस्ट्रेशन हुआ है तो यह अनिवार्य नहीं होगा कि वहीं वाहन की फिटनेस टेस्टिंग कराई जाए। वाहनों को अनफिट घोषित करने के नियम भी बदले गए हैं। ATS अभी स्वचालित तरीके से किसी वाहन के फिटनेस की जांच के लिए कई मशीनों का इस्तेमाल करता है। इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच के लिए कई नए उपकरणों को शामिल किया गया है। टेस्ट रिजल्ट का नया फार्मेट जारी किया गया है, ताकि इसमें किसी वाहन मालिक को कोई परेशानी या आशंका न हो।
गौरतलब है कि वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में वाहनों के इस्तेमाल को लेकर नियमों में बदलाव किया गया है। 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन न करने की कवायद भी की गई थी। वाहनों की फिटनेस को लेकर भी नियम कड़े किए गए थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।