महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी के बयान से बवाल, बोले- मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दो तो नहीं बेचेगा कोई पैसा
शिव सेना ने बनाया निशाना
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल ने जिस तरह की बात कही वह निंदनीय है। महाराष्ट्र की जनता ने मुंबई के लिए खून पसीना दिया है। हर चीज पैसों से नहीं तौली जाती है। राउत ने कहा कि बीजेपी और सीएम इस तरह के वक्तव्य के लिए उनकी निंदा करें। केंद्र सरकार को उन्हें तुरंत वापस बुलाना चाहिए। वे लगातार विवादित बयान देते हैं और महाराष्ट्र और मराठी मानुस का अपमान करते हैं। अब महाराष्ट्र इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के बयान पर पूरे राज्य में गुस्सा है। हर कोई उनके टिप्पणी की निंदा कर रहा है, लेकिन अब तक बीजेपी और सीएम चुप हैं। हमें देखना है कि वे इस मुद्दे पर क्या कहते हैं। संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल का बयान मुंबई के उन 105 लोगों, जिन्होंने इस शहर को महाराष्ट्र के साथ रखने के लिए जान दी, उन हुतात्माओं का अपमान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस ने की आलोचना
उधर, कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने राज्यपाल के भाषण का वीडियो ट्वीट किया और कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा मराठी लोगों का अपमान दुखी करने वाला है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी राज्यपाल के बयान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा-‘ राज्यपाल के बयान का हम विरोध करते हैं। उनको महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में जानकारी भी नहीं होगी। हमारे देश के उद्योगपति धीरूभाई अंबानी को भी मुंबई और महाराष्ट्र ने एक बड़ा उद्योगपति बनाया है। महाराष्ट्र में सभी को इज्जत दी जाती है चाहे वो किसी भी राज्य का हो । भगतसिंह कोश्यारी का यह बयान सही नही है। इसलिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को इसमे हस्तक्षेप करना चाहिए और उन्हें राज्यपाल के पद से हटा देना चाहिए। राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि दो वर्ष पहले अक्टूबर 2020 में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धार्मिक स्थल खोलने को लेकर एक पत्र लिखा था। तब इसमें इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर विवाद हो गया था। राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि-क्या आप अचानक से सेक्युलर हो गए? इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक जवाब भेजा गया था। उसमें उद्धव ठाकरे ने कहा था कि पत्र में मेरे हिंदुत्व का उल्लेख करना गलत है। हिंदुत्व के लिए मुझे आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
कोश्यारी जी ने पद की गरिमा के प्रतिकूल आचरण किया है