अब यूपी के चुनाव से पहले बिगड़ी छवि को सुधारने पर मंथन, आरएसएस और भाजपा की बैठक में पीएम मोदी भी हुए शामिल
कोरोना महामारी के दौरान ही अब भाजपा और आरएसएस उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों के मंथन में जुट गई है। या यूं कहें कि चुनाव की तैयारी में जुट गई है।

कोरोना महामारी के दौरान ही अब भाजपा और आरएसएस उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों के मंथन में जुट गई है। या यूं कहें कि चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए रविवार 23 मई की देर शाम भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की। बैठक में कोरोना महामारी के हालात के बीच सरकार और पार्टी की छवि को लेकर गहन मंथन किया गया। कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी पर भी बैठक में चर्चा की गई। साथ ही अगले साल यूपी के चुनाव से पहले अपनी छवि में सुधार के हर संभव प्रयास करने पर इस बैठक में चर्चा की गई।
सूत्र बताते हैं कि बैठक में यूपी में कोविड की वर्तमान परिस्थितियों पर भी चर्चा हुई। इस बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और यूपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में संगठन और सरकार को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
सत्तारूढ़ दल के साथ ही आरएसएस कोविड की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी और सरकार की तीखी आलोचना से चिंतित है। कोरोना संकट ने देशभर में ऑक्सीजन, दवाओं, अस्पतालों के बिस्तरों और टीकों की कमी के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रणाली की खराब तैयारी को भी उजागर किया है। वहीं, कोरोनावायरस महामारी से उत्तर प्रदेश सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक है, जहां गंगा में तैरती लाशों ने डरावना मंजर पेश किया है।
सप्ताहांत में, बीजेपी ने आलोचना से सचेत होकर और महामारी की दूसरी लहर के बाद अपने कार्यकर्ताओं से सेवा करने के लिए खुद को समर्पित करने का आग्रह किया है। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सभी पार्टी सांसदों और राज्यों के पार्टी अध्यक्षों से जनता की सेवा में जुटने का आह्वान किया है। वह ऐसे राज्यों के नेताओं से लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये फीडबैक ले रहे हैं, जहां अगले वर्ष चुनाव होने हैं।
उनके दिशा निर्देशों के बाद अब भाजपा भी जनता के बीच जाकर सेवा कार्यों को तेज करने की रणनीति बना रही है। उत्तराखंड में ही अभी तक कुछ एक अपवाद को छोड़कर भाजपा संगठन बैठकों तक ही सामित रहा है। जहां विपक्षी दलों के लोग अपनी जेब से लोगों को जरूरत का सामान पहुंचा रहे हैं, वहीं भाजपा संगठन से जुड़े लोग सरकार से मिलने वाली मदद का ही गुणगान कर रहे हैं।
स्थिति ये है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन, ब्लैक फंगस के इंजेक्शन का काफी समय तक टोटा रहा। ऑक्सीजन की कमी के चलते कई राज्यों में बड़े हादसे भी हुए। वहीं, अब टीकाकरण नाममात्र का हो रहा है। ऐसे में केंद्र से लेकर भाजपा शासित राज्य सरकारों की फजीहत हो रही है। सूत्र बताते हैं कि बैठक में एक रणनीति के तहत विपक्षी दलों पर लगातार हमले करने पर भी चर्चा की गई। अब विपक्ष पर हमलों को तेज करने के साथ ही अपने कार्यों के गुणगान की रणनीति पर संगठन को सक्रिय किया जाएगा। इस बैठक में धरातल पर काम करने पर जोर दिया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।