Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 24, 2025

थराली आपदा में पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों के लिए पांच लाख की सहायता, मृतकों के परिजनों को भी दिए जाएंगे पांच लाख रुपये

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार देर शाम राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर थराली में आई आपदा के उपरांत संचालित राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन तथा चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से दिनभर संचालित राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी सरकार आपदा की इस घड़ी में थराली के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि सभी राहत और बचाव दलों को युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। वे लगातार रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि उत्तराखंड में चमोली जिले के थराली में बादल फटने से तबाही मच गई। शुक्रवार देर रात थराली और उसके आसपास के 15 किलोमीटर के इलाके में कुदरत ने कहर बरपाया। आपदा में 40 से अधिक दुकानें और 20 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इससे 90 से अधिक परिवारों के 400 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। एक युवती की मौत हुई है और एक बुजुर्ग लापता हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शुक्रवार शाम सात बजे से ही चमोली जिले में तेज बारिश शुरू हो गई थी। रात करीब 12 बजे पहाड़ से अचानक सैलाब आ गया। मलबे में बड़े-बड़े बोल्डर थे। इस मलबे ने थराली लोअर बाजार, कोटडीप, राड़ीबगड़ और चेपड़ों बाजार को भारी नुकसान पहुंचाया। थराली के एसडीएम पंकज भट्ट का आवास भी मलबे में दब गया। हालांकि तब तक एसडीएम सुरक्षित स्थान पर जा चुके थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राड़ीबगड़ में कई दोपहिया और चौपहिया वाहन मलबे में दब गए। तेज बारिश को देखते हुए रात में ही बहुत से लोग सतर्क होकर अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थान पर चले गए थे। शनिवार सुबह से ही प्रशासन, सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चला रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीएम ने की आर्थिक सहायता की घोषणा
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने थराली तथा अन्य स्थानों में जिन लोगों के भवन पूर्णतः क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की। साथ ही मृतकों के परिजनों को भी पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता जल्द प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से की जाएगी। घायलों को भी आपदा के मानकों के अंतर्गत अनुमन्य सहायता जल्द प्रदान किए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भविष्य में ऐसी आपदाओं से जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की ऐसी सभी नदियों में ड्रेजिंग/चैनेलाइजेशन कार्य करने के निर्देश दिए हैं, जिनके किनारे कस्बे, बस्तियां, नगर व शहर बसे हैं। उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी नदियों का जलस्तर ड्रेजिंग न होने की वजह से प्रभावित हुआ है, वहां आपदा के मानकों के तहत ड्रेजिंग का कार्य किया जाए। उन्होंने इसके लिए सभी जनपदों से जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में ठहराए गए लोगों के लिए अच्छे भोजन, जलपान, बच्चों के लिए दूध, दवाइयां, ओढ़ने व बिछाने के लिए पर्याप्त मात्रा में बिस्तर, शौचालय इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि थराली, धराली, पौड़ी, स्यानाचट्टी के साथ ही राज्य के अन्य जनपदों में जहां भी आपदा से क्षति हुई है, उसका आकलन कर 25 अगस्त तक अनिवार्य रूप से शासन को रिपोर्ट प्रेषित कर दी जाए। इसके बाद प्राप्त होने वाले प्रस्तावों में विचार किया जाना संभव नहीं होगा। साथ ही उन्होंने आने वाले दो दिनों के लिए मौमस विज्ञान विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को एलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी विभागों के संसाधनों को मैपिंग करने के निर्देश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि वहीं शनिवार सुबह मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर थराली में संचालित राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से अपडेट लिया। उन्होंने आपदा के बाद जल्द से जल्द थराली में स्थिति को सामान्य करने, राहत और बचाव कार्यों को त्वरित गति से संपादित करने, स्थानीय लोगों तक मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में किसी भी स्तर पर कमी नहीं रहनी चाहिए। जो भी संसाधनों की आवश्यकता है, उन्हें तत्काल घटनास्थल में तैनात किया जाए। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी से राहत एवं बचाव कार्यों हेतु शासन स्तर पर किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए तुरंत अवगत कराने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव गृह शैलेश बगौली, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन, अपर सचिव व अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, डीआईजी धीरेंद्र गुंज्याल, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्ला अंसारी, डॉ विमलेश जोशी आदि मौजूद रहे। आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हेली सेवाओं के लिए हेलीपैड तैयार
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि थराली में राहत और बचाव कार्यों के लिए एक एमआई-17 को स्टैंड बाय में रखा गया है। यूकाडा के हेलीकॉप्टर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए गौचर में तैनात हैं। कुलसारी में हेलीपैड को एक्टिवेट किया गया है। वहीं एसडीआरएफ की टीम ने भी सराहनीय कार्य करते हुए शनिवार को ही चेपड़ो में एक खुले मैदान में हेलीपैड बनाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उच्च हिमालयी क्षेत्रों का अध्ययन करने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि धराली, थराली और स्यानाचट्टी की आपदाओं में एक बात कॉमन है और वह यह है कि तीनों ही घटनाओं में पानी के साथ बड़ी मात्रा में मलबा और बोल्डर आए हैं। उन्होंने कहा कि यह पता लगाना आवश्यक है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मोरेन कितनी मात्रा में जमा हो रहे हैं। उन्होंने इसके लिए वाडिया, आईआईआरएस, आईआईटी, एनआरएससी जैसे शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों की एक उच्च स्तरीय टीम बनाकर अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार से भी अनुरोध करेंगे कि सभी हिमालयी राज्यों में इस तरह का अध्ययन किया जाए ताकि इनके कारणों को समझा जा सके और भविष्य में होने वाली आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रिस्पांस टाइम शानदार, मुख्यमंत्री ने सराहा
जिलाधिकारी संदीप तिवारी के नेतृत्व में राहत एवं बचाव दलों ने क्विक रिपांस करते हुए घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य प्रारंभ कर दिए थे। उन्होंने कम रिस्पांस टाइम के लिए सभी की सराहना की। उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद जहां राहत और बचाव दल आपदा से प्रभावितों की मदद करने में जुटे तो वहीं दूसरी तरफ विद्युत तथा संचार आपूर्ति को भी कुछ ही घंटे में बहाल कर दिया गया। उन्होंने इसके लिए जिलाधिकारी संदीप तिवारी तथा पुलिस, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, एसएसबी, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की पीठ थपथपाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं सड़कें, जल्द खोलें
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल्द से जल्द थराली के आसपास बंद सड़कों को खोलने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी सड़क बंद हैं उन्हें जल्द से जल्द ठीक करते हुए यातायात हेतु बहाल किया जाए। उन्होंने बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारियों को भी उनके नियंत्रण में बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने को कहा। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से भी इन सड़कों का शीघ्र खोल जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर से बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को सभी प्रकार का सहयोग प्रदान करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए गए हैं। यदि उन्हें किसी भी प्रकार के संसाधनों अथवा उपकरणों के अलावा अन्य किसी भी प्रकार की सहायता चाहिए तो वह राज्य सरकार द्वारा तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आपदा प्रबंधन सचिव ने दी रेस्क्यू अभियान की जानकारी
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण के माध्यम से थराली में शनिवार को संचालित राहत और बचाव कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र तुरंत एक्टिवेट हुआ। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से घटना की जानकारी लेते हुए तुरंत एसडीआरएफ, एनडीआरफ, आइटीबीपी, एसएसबी आदि को ग्राउंड जीरो के लिए रवाना होने को कहा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके साथ ही जिलाधिकारी तथा एसपी चमोली के नेतृत्व में जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस और डीडीआरएफ ने तड़के ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर राहत एवं बचाव अभियान प्रारंभ कर दिए थे। उन्होंने बताया कि इस आपदा में डेढ़ सौ लोग प्रभावित हुए हैं तथा उनके रहने की समुचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इस दुखद हादसे में एक 20 वर्षीय किशोरी की मृत्यु हुई है जबकि एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना है। लापता व्यक्ति की तलाश के लिए रेस्क्यू टीम युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *