जोशीमठ आपदा प्रभावितों को किराए के मकान को 4000 रुपये प्रतिमाह, सीएम धामी ने की समीक्षा, बीजेपी के दल ने किया निरीक्षण
जोशीमठ में वर्तमान में भूधसाव हो रहा है। इससे करीब छह सौ से ज्यादा भवनों में दरारें आई हैं। साथ ही 38 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। माना जा रहा है कि विस्थापितों की संख्या अभी ओर बढ़ सकती है। ऐसे में उन्हें किराए के मकान में रहने के लिए ये सहायता दी जा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ आपदा के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र का करें निर्माण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जोशीमठ शहर के भू धसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था एवं भूधंसाव के कारणों आदि के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट करें। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मंडल और जिलाधिकारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा एवं बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे समय में लोगों की मदद करना हम सबका दायित्व एवं जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति में लोगों में भरोसा बनाये रखने की भी बात कही। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पुनर्वास तथा उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने में भी तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावितों को बेहतर से बेहतर क्या मदद कर सकते हैं इस पर ध्यान दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में सबसे महत्वपूर्ण होता है लोगों में सरकार और प्रशासन का भरोसा बनाये रखना। इसमें धरातल पर काम करने वाले प्रशासनिक मशीनरी को संवेदनशीलता से काम करना होगा तथा स्थिति पर निगरानी बनाए रखनी होगी। इसके लिये हमें तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य करना होगा। तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्यवाही ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिये नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट की सुविधा रहे, इसकी भी तैयारी हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशी जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू हो। सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों। जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर सम्पर्क में रहें। सम्भावित डेंजर जोन भी चिन्हित कर लिये जाएं। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है। इस संबंध में सैटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं। सभी विभाग टीम भावना से काम करे तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यहां पर किये जाने वाले तात्कालिक महत्व के कार्यों को आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सम्पादित करने की व्यवस्था बनायी जाय। ऐसे समय में लोगों की आजीविका भी प्रभावित न हो इसका भी ध्यान रखा जाय। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है वह की जाय। उन्होंने प्रभावितों की मदद के लिये एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूर्ण कर लिये जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिवालय में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिव कुर्वे, दिलीप जावलकर, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ सुरिद्विम अग्रवाल आदि के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल मण्डल सुशील कुमार, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने किया प्रभावित क्षेत्र का दौरा
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देशों पर आज प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के नेतृत्व में 14 सदस्य समिति ने जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया। समिति ने भू धसांव से प्रभावित 5 वार्डो में हुए नुकसान का अवलोकन कर सभी पक्षों से बात की और राहत शिविरों में जाकर व्यवस्था का जायजा लिया। कल समिति जोशीमठ पहुँच रहे सीएम धामी को विस्तार से जानकारी देगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आदित्य कोठारी ने बताया कि समिति के सदस्यों ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान सबसे पहले उन पांच वार्डों का निरीक्षण किया जहां आवासीय व व्यवसायिक भवनों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि समिति ने पाया कि बहुत अधिक क्षति वाले निर्माणों के साथ सैकड़ों भवनों को धसांव से नुकसान हुआ है। इसके उपरांत टीम के सदस्यों ने प्रभावित भवन स्वामियों व व्यवसायियों की समस्या सुनी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों व विशेषज्ञों से वार्ता की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने नगरपालिका व मंदिर समिति के गेस्ट हाउस में प्रभावित लोगों के लिए बनाए राहत शिविरों में व्यवस्था का भी जायजा लिया। उन्होंने बताया कि समिति कल भी प्रभावित क्षेत्र के अन्य पक्षों से बातकर सीएम पुष्कर धामी को उनके जोशीमठ दौरे के दौरान इस विषय पर विस्तार से जानकरी देगी । कोठारी के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष बलवंत भौंर्याल, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, विधायक भोपाल राम टम्टा चमोली जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, विनोद कपरवाण समेत समिति के कुल 14 सदस्य इस दौरान मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने लिया फीडबैक
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जोशीमठ भू धसांव से क्षति आकलन तथा स्थानीय लोगों से वार्ता के लिए जोशीमठ पहुंची 14 सदस्यीय समिति के सदस्यों से हालातों की जानकारी ली और कहा कि लोगों को किस तरह त्वरित लाभ पहुंचाया जाये इसके लिए समिति की रिपोर्ट पर अमल किया जायेगा। भट्ट ने कहा कि संगठन स्तर पर भी भूमि धँसाव वाले स्थल पर पूरी नजर है और लोगों से संवाद कायम है। संगठन की रिपोर्ट मे जरूरी सुझावों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ साझा किया जायेगा और राहत कार्यो मे जुटी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भट्ट ने भरोसा दिलाया है कि सरकार सभी जरूरी उपाय कर प्रभावितों को लाभ दिलाने की दिशा मे समुचित कदम उठा रही है और संकट की इस घड़ी मे सरकार के साथ संगठन भी लोगों के साथ खड़ा है। सरकार
सभी वैज्ञानिक सर्वेक्षण व श्रेष्ठ तकनीकी उपायों से समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में जुटी है । उन्होंने कहा, स्थानीय निवासियों की तकलीफों को लेकर राज्य व केंद्र सरकार पूरी तरह संजीदा है और प्रधानमंत्री कार्यालय पल की पल की अपडेट ले रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम पुष्कर धामी के निर्देशों पर आपदा से प्रभावित भवन स्वामियों व व्यवसायियों से वार्ता कर प्रशासन वहां सभी जरूरी मदद मुहैया करा रहा है। उन्होंने आवासीय भवनों व व्यवसायिक परिसरों में हुए नुकसान का अधिकृत सर्वे के लिए टीम गठन का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार समस्या के समाधान हेतु युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। चाहे उच्च स्तरीय बैठक में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं नगर के पुनरुद्धार को लेकर विचारविमर्श हो या मौके पर आपदा प्रबंधन, तकनीकी एवं वैज्ञानिक विशेषज्ञों को भेजना हो या तत्काल प्रशासन को सक्रिय कर प्रभवितों को राहत पहुंचाने के कार्य हों सभी प्रयास जारी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर सभी आपातकालीन उपाय लिए जा रहे हैं। बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग वाई पास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यो पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के साथ जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन बंद किया गया है। प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने हेतु एनटीपीसी व एचसीसी 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कर रही है। नगरपालिका, ब्लाक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। इन राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।