रिंगाल मैन राजेंद्र बंडवाल ने सीएम धामी को भेंट की रिंगाल से बनी ब्रह्मकमल की प्रतिकृति
चमोली जिले में उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण (भरारीसैण) में आयोजित राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला में जनपद चमोली के दशोली निवासी राजेंद्र बंडवाल ने मुख्यमंत्री धामी को रिंगाल से बनी ब्रह्मकमल की प्रतिकृति भेंट की। राजेंद्र बंडवाल को रिंगाल मैंन के नाम से भी जाना जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिंगाल को अंग्रेजी में अरुंडीनेरिया फलकाटा या हिमालयन बम्बू भी कहते हैं। राजेंद्र ने बताया कि रिंगाल से बनी ब्रह्मकमल की इस प्रतिकृति को बनाने के लिए उन्होंने किल्मोड़ और अखरोट के प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया। रिंगालमैन का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी उद्यमियों का आह्वान करते हुए कहा कि पलायन को रोकने के स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों से ही स्वरोजगार को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने साथ यह भी कहा की सरकारी नौकरियों के अवसर सीमित हैं। इसलिए हमको रिंगाल, प्राकृतिक रेशा और पर्वतीय अनाजों पर आधारित उद्योग सृजित करने होंगे। उनको बढ़ावा देना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिंगाल मैन राजेंद्र बंडवाल की ओर से बनाए गए ब्रह्मकमल को देख मुख्यमंत्री ने उनकी प्रशंसा की। दशोली ब्लाक के किरूली गांव निवासी राजेंद्र बंडवाल बचपन से ही अपनें पिताजी दरमानी लाल बंडवाल के साथ मिलकर हस्तशिल्प का कार्य कर रहें हैं। दरमानी लाल पिछले लगभग चार दशक से रिंगाल हश्त शिल्प और खेती बाड़ी का काम करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजेन्द्र की ओर से बनाई गयी अन्य सामग्री में राज्य पक्षी मोनाल, मोर, चिड़ियों के घोंसले, रिंगाल के ढोल दमाऊ, हुडका, लैंप शेड, देव रिंगाल लालटेन, पुराने जमाने का पेट्रोमेक्स- यानी पंचलाइट, चपाती टोकरी, फूलदान, पेन होल्डर, ट्रे इको फ्रेंडली डस्टबिन, फूलदान, टोपी, पानी बोतलों के कवर के साथ साथ तुंग नाथ बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति आदि शामिल हैं। रिंगाल हश्तशिल्प के क्षेत्र में इतना उल्लेखनीय कार्य करने के बावजूद भी रिंगाल मैन राजेंद्र बंडवाल को अभी तक जनपद चमोली या प्रदेश के उद्योग विभाग, पर्यटन और संस्कृति विभाग की ओर से सम्मानित और पुरस्कृत नहीं किया गया है।
जेपी मैठाणी की रिपोर्ट
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।