साहसिक पर्यटन विंग के क्रीड़ा विशेषज्ञों की योग्यता में किया गया संशोधनः सतपाल महाराज
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अधीन साहसिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित जल, थल एवं वायु क्रीड़ा विशेषज्ञों के नियत वेतन (संविदा) के पदों के लिए निर्धारित अर्हताओं में कुछ संशोधन किए गए हैं। उक्त जानकारी प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड विधानसभा के प्रथम सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विपक्षी सदस्य भुवन चन्द्र कापड़ी द्वारा सदन में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने सदन को बताया कि थल क्रीडा विशेषज्ञ के लिए एक पर्वत का सफलतापूर्वक आरोहण 8000 मीटर ऊंचाई के स्थान पर एक पर्वत का सफलतापूर्वक आरोहण 6000 मीटर और एक पर्वत का सफलतापूर्वक आरोहण 7000 मीटर निर्धारित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके अतिरिक्त मान्यता प्राप्त संस्थान से स्कीइंग में बेसिक, इंटरमीडिएट, एडवांस्ड कोर्स एवं एमओआई क्वालिफाइड अथवा स्कीइंग की एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभा करने के साथ-साथ जल क्रीडा गतिविधियों के कार्य करने संबंधी 5 वर्ष का अनुभव और अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सदन को बताया कि जल क्रीडा के विषय के विशेषज्ञ की शैक्षिक योग्यता स्नातक होने के साथ-साथ जल क्रीडा में बेसिक कोर्स, इंटरमीडिएट, एडवांस्ड कोर्स और क्याकिंग, रोइंग, कनोईंग, सेलिंग राफ्टिंग में राष्ट्रीय स्तर की किसी एक प्रतियोगिता में प्रतिभा के साथ-साथ जल क्रीड़ा गतिविधियों का 5 वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी प्रकार वायु क्रीड़ा के लिए विषय विशेषज्ञ की योग्यता अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार पायलट रैंकिंग प्राप्त होने के अलावा वायु क्रीड़ा (पैराग्लाइडिंग) में P1, P2, P3, एसआईवी तथा 35 किलोमीटर एक्स कंट्री उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा पैरामोटर, हैंगग्लाईडिंग, माइक्रो लाइट, बलूनिंग एवं स्काई डाइविंग में से किसी एक में मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण और वायु क्रीड़ा गतिविधियों के संचालन में 5 वर्ष का अनुभव जरुरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विपक्षी सदस्य भुवन चन्द्र कापड़ी ने जब सदन में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से थल, जल, वायु क्रीड़ा गतिविधियों की संपूर्ण सूची और मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कोर्स का ब्योरा प्रस्तुत करने को कहा तो पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने संपूर्ण सूची व इन गतिविधियों में मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कोर्स उनके सम्मुख रख दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पंचायतों के सशक्तिकरण को मंत्री ने सदन में प्रस्तुत किया संकल्प पत्र
उत्तराखंड के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने सदन में भारत के संविधान की 11वीं अनुसूची में वर्णित समस्त समस्त 29 विषयों को पंचायती राज संस्थाओं को सौंपने का करने का संकल्प लिया। पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को सदन में भारत के संविधान की 11वीं अनुसूची में वर्णित समस्त 29 विषयों को पंचायती राज संस्थाओं को सौंपने का करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत वह अपने अधीनस्थ विभागों से करेंगे जिसमें सिंचाई एवं लघु सिंचाई आदि शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश के पंचायत मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों की विशेष भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतें विकास की धुरी है। सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण एवं स्थानीय चुनौतियों का यथोचित समाधान तलाशने के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों को सशक्त करना अत्यन्त आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पंचायतीराज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध है। संविधान की 11 वीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों की निधियों, कार्मिकों एवं कार्यों (Funds, Functions and Functionaries) को पंचायतों को वास्तविक अर्थों को हस्तांतरित करने के लिए संकल्पबद्ध है। इसी संकल्प को दोहराते हुए उन्होंने सदन में भी इस बात का संकल्प पर प्रस्तुत किया है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।