रिटायर्ड थ्री स्टार जनरल भी बन सकते हैं सीडीएस, मोदी सरकार ने किया नियमों में बदलाव
केंद्र सरकार चाहे तो अब लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल रैंक से रिटायर्ड ऑफिसर को भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बना सकती है। सरकार ने आर्मी, नेवी और एयरफोर्स सर्विस एक्ट में बदलाव किया है।
केंद्र सरकार चाहे तो अब लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल रैंक से रिटायर्ड ऑफिसर को भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बना सकती है। सरकार ने आर्मी, नेवी और एयरफोर्स सर्विस एक्ट में बदलाव किया है। साथ ही इसका नोटिफिकेशन आज जारी कर दिया गया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि लोकहित में लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल या इसके बराबर के रैंक से रिटायर्ड ऑफिसर या फिर सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया जा सकता है। पर वह ऑफिसर नियुक्ति के वक्त 62 साल से ज्यादा उम्र के नहीं होने चाहिए।सीडीएस की नियुक्ति को लेकर 62 साल की उम्र सीमा का प्रावधान डालने से अब आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के रिटायर्ड चीफ सीडीएस बनने की दौड़ से बाहर हो गए हैं। तीनों सेना के चीफ 62 साल की उम्र में रिटायर होते हैं। इसका मतलब है कि रिटायर होने के बाद वह अब सीडीएस नियुक्त नहीं किए जाएंगे। कोई सेवारत चीफ रिटायरमेंट से पहले सीडीएस नियुक्त हो सकते हैं, क्योंकि रिटायरमेंट से एक दिन पहले भी वह इस उम्र के प्रावधान को पूरा करेंगे।
थ्री स्टार जनरल यानी आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल, एयरफोर्स में एयर मार्शल और नेवी में वाइस एडमिरल 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं। इसलिए कोई भी थ्री स्टार जनरल जिसे रिटायर हुए दो साल से कम का वक्त हुआ है, वह भी सीडीएस बनने की दौड़ में शामिल माने जा सकते हैं।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पहले CDS रावत की मौत
भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की 8 दिसंबर हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी. तब से सीडीएस का पद रिक्त पड़ा है। केंद्र में फिर से मोदी सरकार बनने के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की 6 महीने के अंदर नियुक्ति की गई थी।





