उत्तरकाशी टनल में 41 श्रमिकों का रेस्क्यू, एक बार फिर से रुकी ड्रिलिंग, सीएम धामी मौके पर मौजूद
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए विभिन्न एजेंसियों का काम अंतिम चरण में पहुंच गया। इसके मद्देनजर एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और चिकित्सकों को घटनास्थल पर बुला लिया गया है। वहीं, बुधवार की रात आगर मशीन खराब हो गई और ड्रिलिंग का काम रुक गया था। वहीं, जिस पाइप को अंदर भेजा जा रहा था उसके आगे का हिस्सा लोहे की सरिया से टकराकर मुड़ गया। उस आगे के हिस्से को गैस कटर से काटकर अलग किया गया। साथ ही दिल्ली से एक्सपर्ट्स पहुंचे और मशीन को दुरुस्त करने के साथ ही ड्रिलिंग फिर से तेज कर दी गई। इस बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और सीएम धामी भी सिलक्यारा पहुंच गए। दोनों सुरंग के भीतर भी गए और रेस्क्यू का जायजा लिया। वहीं, गुरुवार की शाम को खबर आई कि अभी ड्रिलिंग पूरी होने में 12 से 14 घंटे का समय लग सकता है। इसके बाद श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा। कारण ये है कि कल रात में जब मशीन खराब हुई थी, उसको सही करने में भी करीब पर 8 से 10 घंटे लग गए थे। उसके बाद करीब 2 घंटे मशीन चली, जिसमें 1.8 मीटर की ड्रिलिंग हुई और उसके बाद से फिर काम रुक गया है। फिलहाल अब तक 46.8 मीटर ड्रिलिंग हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
800 एमएम के पाइप को भीतर डालते वक्त सामने आए लोहे की रॉड आने की वजह से पाइप थोड़ा श्रिंक कर गया था। इसके चलते उसे आगे बढ़ाने में समस्या आने लगी। इसके लिए एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई। शेप को दुरुस्त करके उसे दोबारा अंदर डालने का काम शुरू हो चुका है। अभी तक 44 मीटर तक पाइप जा चुका है, 12 मीटर तक और जाना है। मलबे में कुछ स्टील के टुकड़े आ गए थे और उनको काट दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा का जाना हाल
सीएम धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने हेतु चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। इस अवसर पर प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से अवगत कराया। प्रधानमंत्री को मौक़े पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल हेतु चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में AIIMS ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिये जाने की जानकारी भी दी। प्रधानमंत्री को श्रमिक बंधुओं एवं उनके परिजनों से हो रही निरंतर बातचीत व उनकी कुशलता से अवगत कराया एवं स्वयं के भी उत्तरकाशी में रहकर बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग करने की भी जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम ने ली तकनीकी पक्ष की जानकारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल के प्रवेश द्वार पर स्थित बाबा बौखनाग के मंदिर पर शीश नवाते हुए आशीर्वाद लिया एवं सभी श्रमिकों के जल्द रेस्क्यू होने की कामना की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ प्रो अर्नोल्ड डिक्स से सुरंग में चल रहे रेस्क्यू अभियान के तकनीकी पक्ष के बारे में भी जानकारी ली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भीतर फंसे श्रमिकों से सीएम ने की बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल में स्थापित ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से अंदर फंसे श्रमिकों से बात की। उन्होंने श्रमिकों का हाल चाल जानते हुए उनका हौसला आफजाई की। श्रमिकों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निरंतर स्थिति पर नजर बनाएं हुए हैं और नियमित रूप से रेस्क्यू अभियान की प्रगति की जानकारी ले रहे हैं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। राज्य सरकार भी हर स्थिति में आपके साथ खड़ी है। सभी श्रमिक भाई हौसला बनाएं रखें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन में रात दिन जुटे श्रमिकों से भी बात कर उनकी पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा आप सभी की मेहनत से रेस्क्यू कार्य सफलता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा टनल में फंसी बहुमूल्य जिंदगियों को बचाने में श्रमिकों का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा रेस्क्यू ऑपरेशन में रात दिन जुटे श्रमिकों को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ड्रिलिंग के दौरान पाइप के मुहाने पर फंसे धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काटने के अत्यंत दुष्कर कार्य को सफलता पूर्वक अंजाम देने वाले श्रमिक प्रदीप यादव एवं बलविंदर की भी सराहना की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सभी को सुरक्षित बाहर निकालना प्राथमिकता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की प्रक्रिया की भी जानकारी ली। उन्होंने टनल में फंसे श्रमिकों को भेजे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की भी जांच की। मुख्यमंत्री ने कहा श्रमिकों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास जारी रहे। हम सभी की प्राथमिकता उन्हें सुरक्षित बाहर निकालना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जवानों का बढ़ाया हौंसला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (रिटा.) वीके सिंह ने राहत बचाव कार्य में जुटे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस जवानों स्वास्थ्य कर्मियों एवं इंजीनियरो से भी मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन, एमडी एनएचआईडीसीएल महमूद अहमद, कमिश्नर गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे, सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी एवं अन्य लोग मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रभारी मंत्री डॉ. अग्रवाल ने स्वास्थ्य केंद्र में तैयारी का लिया जायजा
उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तरकाशी जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिल्याड़ीसौड़ का निरीक्षण किया। उन्होंने टनल में फंसे मजदूरों को निकालकर यहाँ लाने के लिए बने विशेष वार्ड की व्यवस्था जानी। उन्होंने चिकित्सको की टीम से कहा कि रेस्क्यू कर बाहर आने के बाद श्रमिकों को यहाँ शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए अलर्ट मोड़ पर रहें। 24 घण्टे यहाँ अपनी सेवायें दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार टनल से श्रमिकों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। कहा कि यह सरकार की परीक्षा की घड़ी है, सभी चिकित्सक भी अपना धर्म पूरी तन्मयता के साथ निभाए। इस दौरान प्रभारी मंत्री ने विशेष वार्ड में बिजली, पानी, आईसीयू, दवाओं, उपकरण आदि की व्यवस्था जानी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पाइप के जरिये बाहर निकाले जाएंगे श्रमिक
मजदूरों को बाहर निकालने के लिए मलबे को भेदकर 800 मिमी व्यास का स्टील पाइप डालकर रास्ता तैयार किया जा रहा है, जिसका निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। कहा ये जा रहा है किसी भी वक्त मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद भी उत्तरकाशी में हैं। एनडीआरएफ के सेकंड इन कमांड रवि शंकर बधानी के मुताबिक, एनडीआरएफ के जवानों ने इसका अभ्यास कर लिया है कि कैसे पाइप के जरिए मलबे के दूसरी ओर जाना है जहां मजदूर फंसे हैं। एनडीआरएफ की टीम 800 mm की पाइपलाइन के अंदर जाकर मजदूरों को बारी-बारी से निकालेगी। अगर मजदूरों को कमजोरी हुई तो NDRF की टीम ने उन्हें स्केट्स लगी टेंपररी ट्रॉली के जरिए बाहर लाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
11वें दिन किया श्रमिकों ने ब्रश
सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों ने बुधवार को जहां ब्रश किया तो वहीं कपड़े भी बदले। मजदूरों के लिए जरूरी खाद्य सामग्री के साथ ही कपड़े और दवाइयां भी भेजी गई। एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने बताया कि चार और छह इंच के लाइफ पाइप से लगातार मजदूरों को खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्हें रोटी, सब्जी, खिचड़ी, दलिया, संतरे और केले भेजे गए। वहीं उन्हें टीशर्ट, अंडर गारमेंट, टूथपेस्ट और ब्रश के साथ ही साबुन भी भेजा गया। मजदूरों ने कपड़े बदले, मुंह हाथ धोया और भोजन किया है। उन्होंने बताया कि टेलीस्कोपिक कैमरे की मदद से सभी मजदूरों को देखा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।