जानेमाने सीपीएम नेता वीरेंद्र भंडारी का निधन, कोरोना से थे संक्रमित
उत्तराखंड में सीपीएम नेता वीरेंद्र भंडारी का 74 वर्ष की उम्र में गुरुवार 13 मई की सुबह निधन हो गया। पिछले तीन दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। रायपुर रोड स्थित अधोईवाला आवास में उन्होंने सुबह अंतिम सांस ली। परिवार में पत्नी व दो बच्चे हैं। उनकी अन्तयेष्टि कोरोना प्रोटोकोल के तहत रायपुर शवदाह गृह में किया गया। वहीं, सीपीएम ने उनके पार्थिव शरीर पर झंडा चढ़ाकर अंतिम विदाई दी।
कोई भी श्रमिक आंदोलन हो, उसमें वीरेंद्र भंडारी सबसे आगे नजर आते थे। वह श्रमिकों के अधिकार के लिए आंदोलन करने के साथ ही उनकी लड़ाई लेबर कोर्ट तक पहुंचाते थे। इसलिए वे श्रमिकों में काफी लोकप्रिय नेता थे। वे गत तीन दिन से कोरोना से ग्रसित थे। साथ ही पिछले तीन साल से कैंसर रोग के कारण बिस्तर पर थे।
वीरेन्द्र भंडारी ने छात्र जीवन से राजनीति शुरू की थी। वे रायपुर पंचायत के उपप्रधान रहे। अधिवक्ता के रूप में वे मजदूरों के पक्षधर रहे। वे सीआईटीयू के संस्थापकों में से एक थे। उनके पार्थिव शरीर पर पार्टी की ओर राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी ने झंडा चढ़ाया। पार्टी की राज्य कमेटी सहित राज्य की विभिन्न ईकाइयों ने उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुये इसे मजदूर आन्दोलन के लिये अपूर्णनीय क्षति कहा। विभिन्न जन संगठनों सीटू , किसान सभा, महिला समिति, एसएफआई , नौजवान सभी, अधिवक्ता यूनियन सहित राजनैतिक, सामाजिक संगठनों तथा प्रमुख राजनेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया।
पार्टी की ओर से सुरेंद्र सिंह सजवाण, गंगाधर नौटियाल, राजेन्द्र पुरोहित, इन्दु नौडियाल, महेंद्र जखमोला, शिवप्रसाद देवली, लेखराज, अनन्त आकाश, शम्भु प्रसाद ममगांई, कमरूद्दीन, दमयंती नेगी ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया तथा शोक सन्तप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। उनके योगदान को सदैव याद किया जायेगा। उनकी अन्तिम विदाई के लिए उनके आवास पर पार्टी व जनसंगठनों अनेक नेता मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।