Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

January 14, 2025

एम्स ऋषिकेश में ओपीडी पंजीकरण की लाईन से मिलने लगा छुटकारा, आसान हुआ पर्चा बनवाना

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आभा क्यूआर कोड आधारित स्कैन एंड शेयर सुविधा रोगियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। एम्स ऋषिकेश में पिछले दो वर्षों के दौरान तीन लाख 2 हजार से अधिक रोगियों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। इस सुविधा से लोगों को अब अपना ओपीडी पर्चा बनवाने के लिए अब घंटों तक लाईन में खड़ा नहीं होना पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एम्स ऋषिकेश में आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा) के क्यूआर कोड आधारित काउंटर सुविधा 26 नवम्बर 2022 में शुरू हुई थी। उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, जहां मरीजों के पंजीकरण के लिए यह डिजिटाइलेशन व्यवस्था सबसे पहले अमल मे लाई गई थी। तब से अब तक एम्स अस्पताल में तीन लाख 2 हजार से अधिक लोग आभा आईडी से जुड़ चुके हैं और उन्होंने अपना ओपीडी पर्चा बनवाने में इस डिजिटल तकनीक आधारित सुविधा का लाभ उठाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत केवल इलाज करवाने वाले रोगियों की आभा आईडी ही नहीं बनाई जाती है, अपितु अस्पताल के हेल्थ प्रोफेशनल चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को भी इस योजना से जोड़ा गया है । विभागीय जानकारी के अनुसार अभी तक 2 हजार 279 हेल्थ प्रोफेशनलों का इसमें पंजीकरण किया जा चुका है। इसके अलावा संस्थान द्वारा 3 लाख 65 हजार मरीजों का हेल्थ रेकॉर्ड्स डिजिटल लिंक्ड भी कर दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने इस उपलब्धि के लिए संस्थान की एबीडीएम (आभा) टीम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की दूरगामी सोच व देश के आम गरीब परिवारों के स्वास्थ्य की चिंता के मद्देनजर आयुष्मान भारत योजना तेजी से गतिमान है। इस योजना से उत्तराखंड में अभी तक लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। प्रो. मीनू सिंह ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना को जन-जन के स्वास्थ्य का आधार बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यह हैं आभा के फायदे
एम्स में आभा योजना के नोडल ऑफिसर व अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. भरत भूषण भारद्वाज ने जानकारी दी कि आभा एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी अस्पताल में क्यूआर कोड स्कैन करके अपना पर्चा बनवा सकता है। इसके साथ ही अपने सभी प्रकार के हेल्थ रिकॉर्ड अपने मोबाईल में आभा एप के माध्यम से देख सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि आभा एबीडीएम योजना पूरी तरह से लागू होने के बाद मरीज को अपने स्वास्थ्य दस्तावेजों को साथ में ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आभा एप के माध्यम से चिकित्सक उनके स्वास्थ्य दस्तावेजों का अवलोकन कर सकेंगे। डॉ. भरत ने बताया कि एबीडीएम योजना के अगले चरण में क्यूआर कोड के माध्यम से बिल पेमेंट करने की सुविधा भी प्रस्ताावित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यह है व्यवस्था
इलाज के लिए आने वाले मरीजों को एम्स के प्रवेश गेट नम्बर- 3 तथा ओपीडी एरिया में प्रदर्शित क्यूआर कोड के माध्यम से मोबाईल से आभा एप डाउनलोड करना होता है।
योजना के समन्वयक कमल जुयाल ने बताया कि एप डाउनलोड करने के बाद मोबाईल कैमरे द्वारा पंजीकरण काउंटर क्षेत्र में प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उनके मोबाईल एप पर ओपीडी का पंजीकरण नम्बर आता है। इसे टोकन नंबर कहते हैं। टोकन नंबर को दिखाकर ओपीडी खिड़की में मौजूद स्टाफ से अपना पंजीकरण पर्चा बनवाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में संस्थान के सेवावीरों की टीम विशेष मदद करती है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page