एमपी के खरगोन में आज कर्फ्यू में दी गई ढील, घर पर पढ़ी जाएगी ईद की नमाज, नहीं निकलेगा परशुराम जयंती में जुलूस
मध्य प्रदेश के खरगोन में दो और तीन मई कर्फ्यू लगा रहने की वजह से ईद की नमाज भी घर में पढ़ी जाएगी। साथ ही परशुराम जयंती का जुलूस भी नहीं निकलेगा। आज कर्फ्यू में कुछ ढील दी गई है।

खरगोन के अपर कलेक्टर सुमेर सिंह मुजाल्दा ने बताया कि परिस्थितियों के अनुसार प्रशासन द्वारा निर्णय में फेरबदल किया जा सकता है। साथ ही ईद पर घर में ही नमाज पढ़ी जाएगी। वहीं परशुराम जयंती पर निकलने वाले जुलूस पर भी प्रतिबंध रहेगा। अक्षया तृतीया पर शादी वालों को एक मई को शाम 5 बजे के पूर्व ही छूट के दौरान बाहर जाने की अनुमति रहेगी। परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के पास जारी किए जाएंगे। पूरे मामले को लेकर एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि खरगोन में आगामी ईद सहित अन्य त्यौहारों को लेकर पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। बाहर से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। त्यौहार शांति पूर्ण तरीके और अमन चैन से मनाने के लिए कहा जा रहा है।
काशवानी ने बताया कि पुलिस गिरफ्त में आए तूफान सिंह सिकलीगर से पुलिस रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में उसकी निशानदेही पर पुलिस ने गोगावां थाना क्षेत्र के ग्राम सिगनुर गांव से पिस्टल बनाने की सामग्री सहित एक अधबनी पिस्टल जब्त की गई है। आरोपी तुफानसिंह को पूछताछ के बाद न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।आगामी त्यौहारों को लेकर प्रशासन और पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।
गौरतलब है कि 10 अप्रैल को राम-नवमी जुलूस के दौरान पथराव की घटना के बाद शहर में अचानक से हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे। जुलूस के दौरान लोगों के समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया था। जुलूस की शुरुआत में पथराव शुरू हो गया। इसमें एक पुलिस निरीक्षक सहित लगभग चार लोग घायल हो गए। इसके बाद ये मामला देशभर में सुर्खियों में छाने के साथ ही राजनैतिक पार्टियों के लिए सियासत का मुद्दा बन गया। हिंसा के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया गया था। इस कर्फ्यू में समय-समय पर ढील दी जा रही थी।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।